राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाईपर), एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में 13 से 26 सितम्बर तक राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए ‘हिन्दी पखवाड़ा’ का आयोजन किया गया। हिन्दी पखवाड़ा के आयोजन का मुख्य उद्देश्य, संस्थान में हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार तथा राजभाषा के प्रयोग को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना है।13 सितम्बर से प्रारंभ हुए हिन्दी पखवाड़ा के दौरान 06 विभिन्न प्रतियोगिताओं में 220 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता निभाई।26 सितम्बर 2013 को आयोजित हिन्दी पखवाड़ा के समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉं. राजेन्द्र सिंह सांगवान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बायो प्रोसेसिंग यूनिट (बीपीयू), एसएएस नगर थे। उन्होंने कहा कि भारत में सर्वाधिक लोग हिन्दी बोलते हैं। हमें यह मानने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि जनसाधारण को सबसे अधिक हिन्दी ही समझ आती है और हिन्दी सबसे अलंकृत भाषा है जिसमें संस्कृत और उर्दू का समावेश है। जितने अधिक काव्य ग्रंथ हिन्दी में हैं, वे किसी और भाषा में नहीं हैं। आगे उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हिन्दी को हम पखवाड़ा में ही नहीं बल्कि दिन प्रतिदिन इस्तेमाल करेंगे।
प्रो. क. कु. भूटानी, कार्यवाहक निदेशक, नाईपर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि केवल हिन्दी का ज्ञान होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि हमें हिन्दी का प्रयोग अपने दैनिक कार्यों में करना चाहिए। उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों से भी कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए और मैं यह उम्मीद करता हूं कि हमें वैज्ञानिक खोजें भी अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी में उपलब्ध होंगी। अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि हम सबने अपनी शिक्षा अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण की है और प्रारंभिक रूप से हमें हिन्दी में काम करने में दिक्कत भी आ सकती है, लेकिन कोई भी काम असंभव नहीं है।संस्थान की वांर्षक राजभाषा पत्रिका ‘नाईपर दर्पण’ के छठे अंक का विमोचन मुख्य अतिथि डॉ. राजेन्द्र सिंह सांगवान के कर-कमलों द्वारा किया गया।
संस्थान के कुलसचिव विंग कमांडर पी.जे.पी. सिंह वड़ैच (से.नि.) ने मुख्य अतिथि, निदेशक महोदय, हिन्दी पखवाड़ा आयोजन समिति, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का धन्यवाद व्यक्त किया जिन्होंने हिन्दी पखवाड़ा के आयोजन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें दैनिक व्यवहार में हिन्दी का उपयोग करना चाहिए।डॉ. सविता सिंह, कार्यकारी राजभाषा अधिकारी एवं वैज्ञानिक ने संस्थान के वर्ष 2012-13 का राजभाषा प्रगति प्रतिवदेन प्रस्तुत किया।हिन्दी पखवाड़ा के समापन कार्यक्रम के दौरान विभिन्न हिन्दी प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि डॉ. राजेन्द्र सिंह सांगवान द्वारा क्रमशः रु 300/- एवं रु 200/- का नगद पुरस्कार तथा प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया, वर्ष 2012-2013 में हिन्दी में प्रशंसनीय कार्य के लिए श्री एम. जोस, वित्त एवं लेखा अधिकारी को अधिकारी वर्ग में, मो. शाहिद खान, तकनीकी सहायक और श्री के. प्रसन्ना, कनिष्ठ तकनीकी सहायक को कर्मचारी वर्ग में रु 500/- एवं प्रतीक चिन्ह से पुरस्कृत किया गया। हिन्दी टंकण परीक्षा उत्तीण करने पर सुश्री अजीत पाल कौर और श्री गीता प्रसाद नौटियाल को भी नगद पुरस्कार और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त हिन्दी पखवाड़ा में निर्णायकों को भी प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।समापन कार्यक्रम में 150 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया जिसमें नाईपर के वरिष्ठ अधिकारीगण कर्मचारीगण तथा विद्यार्थी एवं आमंत्रित अतिथिगण उपस्थित थे। कार्यक्र्रम का सफल संचालन डॉ. संयोग जैन ने किया। संस्थान में हिन्दी पखवाड़े का आयोजन ‘‘हिन्दी पखवाड़ा आयोजन समिति’’ के मार्गदर्शन में हिन्दी कक्ष द्वारा आयोजित किया गया।