भारत को 21वीं सदी में दुनिया का सिरमौर बनाना है तो पहले हमें स्वयं को बनाना होगा। संत विनोबा भावे सहित सब संतों ने हमें यही शिक्षा दी है।यह बात हरियाणा व पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ के प्रशासक प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज यहां टैगोर थियेटर में भारत रत्न आचार्य विनोबा भावे की 120 जयंती के उपलक्ष में आयोजित समारोह में बोलते हुए कही। समारोह का आयोजन आचार्य कुल, चण्डीगढ द्वारा किया गया था।प्रो0 सोलंकी ने कहा कि विनोबा भावे के ‘जय जगत’ के नारे पर अगर सब देश अमल करें तो आज संयुक्त राष्ट्र संघ की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। जय जगत का यह नारा भारतीय संस्कृति के वसुधैव कुटुम्बकुम के अनुरूप है। आज संत विनोबा भावे की जयंती मनाते समय हम भारत की इसी विचार पद्धति का उत्सव मना रहे हैं। आज जब हम स्मार्ट सिटी और स्मार्ट ग्राम की ओर बढ रहे हैं तो भी हमें भारत के विचार और संस्कृति को नई पीढी में भरना होगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम राम की अयोध्या नहीं, रावण की लंका बना डालेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत को हम भौतिक व वैज्ञानिक विकास के माध्यम से नहीं जान पाएंगे। भारत को जानना है तो आचार्य विनोबा भावे जैसे संतों के पास जाना होगा। विश्व के सब देशों में भारत की पहचान अलग है। भारत अपनी विचार पद्धति के लिए जाना जाता है। यह कोई राजनैतिक राष्ट्र नहीं बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्र है। इस देश को भौतिक सम्पदा के लिए नहीं, बल्कि विचार व संस्कृति के लिए जाना जाता है। सदियों से भारत की यही पहचान रही है। इस पहचान को बनाए रखने के लिए स्वयं भगवान ने भी यहां जन्म लिया। यही नहीं एक हजार सालों की गुलामी के बाद भी भारत की यह पहचान नहीं मिटी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अनासक्ति, समपर्ण और अनुशासन के सिद्धांतों को अपनाकर संत विनाबा भावे जैसे समर्थ महामानव पैदा होंगे। इसलिए उस महान संत की जयंती के अवसर पर हमें उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए।प्रो0 सोलंकी ने समारोह में प्रेरणादायक संास्कृतिक कार्यक्रम करने वाले ब्लू बर्ड हाई स्कूल के बच्चों को पांच-पांच हजार रूपये की राषि पुरस्कारस्वरूप प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हािसल करने वाले महानुभावों को सम्मानित भी किया। उन्होंने आचार्यकुल की स्मारिका का विमोचन भी किया। चण्डीगढ की महापौर श्रीमती पूनम शर्मा और केन्द्रीय आचार्य कुल के अध्यक्ष हीरालाल माली ने भी समारोह में विचार रखे।