पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने जोर देकर कहा है कि मनरेगा की स्कीमों को अमली रूप देने के लिए कोई कसर नही छोड़ी जायेगी। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष के लिए पंजाब द्वारा 1000 करोड़ रुपये की योजना का मनरेगा हेतू लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में 471 करोड़ रुपये मनरेगा अधीन मिले हैं और विभाग द्वारा मनरेगा के प्रोजेक्टों को अमली रूप देने के लिए तेज़ी से कार्य चल रहा है। इसी वर्ष 750 करोड़ रुपये तक मनरेगा के कार्य संपूर्ण होने की उम्मीद है।मलूका आज यहां विकास भवन मोहाली में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, ए डी सी (विकास) और अन्य उच्च अधिकारियों की राज्य स्तरीय बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए मनरेगा के मद्देनज़र योजना बनाई जाये ताकि आगामी वर्ष के लिए पंजाब दोगुणी राशि की योजना पेश कर सके। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत स्कीम की तरह शौचालय, जलापूर्ति स्कीमें और अन्य स्कीमों के लिए मनरेगा के पैसे प्रयोग में आ सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को जोर देकर कहा कि मनरेगा के लिए जिलों के लक्ष्य पूरे किये जायें। ए डी सी विकास इसके लिए अह्म भूमिका निभा सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कंडी एरिया, वाटर हार्वेस्टिंग, भूमि का खौरा रोकने और तलाबों की सफाई के लिए विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल मनरेगा स्कीमों में बहुत दिलचस्पी रखते हैं। नदियों कें समीप जिलों में बाढ़ रोकथाम कार्यो पर ध्यान दिया जाये। मनरेगा अधीन पेड़ लगाने का अभियान चलाया जाये। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांवों की फिरनीयों की रूड़ीयों को गांव में जगह निश्चित करके लगाया जाये ताकि गांवों का इर्द-गिर्द स्वच्छ रहे।गांवों में छोटी सडक़ों की कटाई रोकने के लिए स. मलूका ने कहा कि लेबर की मदद से सडक़ों के दोनो तरफ मिट्टी डाली जाये। इससे हादसे भी कम होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए जो पंचायतों को जमीन लेने के लिए पैसे मिले हैं, उन पैसों से गांवों का विकास किया जाये। यह गांव आदर्श गांव के तौर पर विकसित किये जायें।
उन्होंने जिला परिषदें तथा ब्लॉक समितियों की ईमारतों का रूप अच्छा बनाने के लिए भी कहा।उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के लिए आगामी वर्ष बहुत फंड मिलेंगे। उस पैसे की बेहतर उपयोग किया जाये, ताकि गांवों के सभी कार्य हो सकें। उन्होंने गांव के विकास के लिए पंचायतों को 5 वर्षीय योजना तैयार करने के लिए कहा। गांव के विकास के लिए आगामी वर्ष पंजाब के लिए 6000 करोड़ रुपये जारी हो रहे हैं।मलूका ने अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन गांवों में जाकर लोगों से प्रत्यक्ष संपर्क करने के निर्देश भी दिये। बैठक को संबोधित करते हुये सचिव ग्रामीण विकास और पंचायत डॉ. रोशन शंकारियां ने कहा कि प्रत्येक गांव में एक सर्विस सैंटर बन सकता है जहां लोगों को बिज़ली के बिल भरने सहित अन्य सुविधांए मुहैया कर सकता है। बैठक में ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के संसदीय सचिव स. मंतार सिंह बराड़, निदेशक स. सुखजीत सिंह बैंस और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।