पंजाब विधान सभा के स्पीकर डॉ. चरनजीत सिंह अटवाल अपने आंध्रा पद्रेश दौरे दौरान वहां के मुख्यमंत्री एन चंद्र बाबू नायडू के साथ हैदराबाद में मुलाकात की। इस अवसर पर ऑल इंडिया भगवान वाल्मीकि फाउंडेशन के महासचिव एन आर नारायण तथा अन्य सदस्य भी साथ थे। मुलाकात के दौरान डॉ. अटवाल ने नायडू का धन्यवाद करते हुये कहा कि उन्होंने तेलगू देशम पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में यह शामिल किया गया था जिस द्वारा सरकार को वाल्मीकि भाईचारे को शेड्यूल ट्राइब के तौर पर मान्यता दे। श्री के श्रीनिवासालू विधायक ने भी हाल ही में हुये आंध्राप्रदेश विधानसभा के सत्र में इस मसले का उठाया था। डॉ. अटवाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि वाल्मीकि भाईचारा आरंभ से ही तेलगू देशम पार्टी के साथ है।
डॉ. अटवाल ने वाल्मीकि भाईचारे द्वारा इस बात का धन्यवाद किया कि श्री कलावा श्रीनिवासालू को सरकार का चीफ विप चुना है। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपील करते हुये कहा कि वह भारत सरकार को सिफारिश करें कि क्षेत्र की पाबंदियां समाप्त करते हुये वाल्मीकि भाईचारे को समूचे आंध्राप्रदेश में शेड्यूल ट्राइब के तौर पर मान्यता दी जाये। यही बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेदकर के 125वें जन्म शताब्दी के अवसर पर उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हरि हरा कक्षेत्रम, श्री शिवा सांई चैरिटेबल ट्रस्ट और वाल्मीकि (बोया) संयुक्त एक्शन कमेटी आंध्राप्रदेश द्वारा बोयापेलम, प्राथीपदू मंडल, गंटूर में आयोजित समागम में माननीय स्पीकर ने कहा कि बाबा साहिब अंबेदकर जी ने कमजोर वर्ग लोगों को उपर उठाने के लिए पहले स्वयं प्रयास किये। उनको पता था कि दलित लोगों से घृण क्यों की जाती है। इसलिए उन्होंने इस भाईचारे को उंचा उठाने के लिए नसीहत भी दी। उन्होंने शिक्षा प्राप्ति एवं शिक्षा स्तर को सुधारने की बात भी चलाई।
डॉ. अंबेदकर ने संविधान में आम नागरिक के लिए ऐसी व्यवस्थांए बनाई ताकि प्रत्येक नागरिक समानता के अधिकार को प्राप्त कर सके। छूतछात को समाप्त करने के लिए इसको अपराध घोषित कर दिया। डॉ. अटवाल ने इस अवसर पर सबके लिए समान शिक्षा, एक समान पाठ्यक्रम और सबके लिए समान अवसर एवं प्राईमरी शिक्षा की वकालत भी की। इस समागम में श्री रामुल्ला एम पी कर्नाटक, श्री के निवासालू विधायक, श्री जगदीशवर संयोजक वाल्मीकि संयुक्त एक्शन कमेटी और एन आर नारायण वाल्मीकि फाउंडेशन नई दिल्ली ने भी संबोधित किया।