Tuesday, 30 April 2024

 

 

खास खबरें पंजाब कांग्रेस में शामिल हुए नेताओं से ओर मजबूत हुई पार्टी मतदान को लेकर सीनियर सिटीजन्स में युवाओं जितना दिखा उत्साह संगरूर में मीत हेयर के कार्यालय का उद्घाटन पंजाब मंडी बोर्ड के सचिव अमृत कौर गिल को सेवानिवृत्ति के अवसर पर दी विदायगी पार्टी राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल के गौरव पुरस्कार-2024 प्रदान किए केवल अकाली दल है हिंदू-सिख एकता का प्रतीक: एन.के.शर्मा राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल प्रदेश के उत्कृष्ट उद्यमियों को सम्मानित किया चुनाव प्रचार में सुरक्षा वाहन को छोड़कर 10 से ज्यादा वाहनों के काफिले के चलने की नहीं होगी अनुमति PEC ने पीएचडी प्रोग्राम के लिए आईआईटी जम्मू के साथ MoU किया साइन जैसे चरणजीत चन्नी भदौड़ वापस नहीं आए, वैसे सुखपाल खैरा दोबारा संगरूर नहीं आएंगे: मीत हेयर एलपीयू द्वारा नेटवर्क, इंटेलिजेंस और कंप्यूटिंग पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित "द इंडियन ब्राइड" एक प्रसिद्ध कंपनी ने चंडीगढ़ में लक्जरी लाइफस्टाइल की मेजबानी की !! केरल और कोडईकनाल के जंगलों में हुई "कांगुवा" की शूटिंग पोलिंग स्टाफ तनदेही व ईमानदारी से निभाएं जिम्मेदारी: कोमल मित्तल भगवंत मान ने रोपड़ में आप उम्मीदवार मलविंदर सिंह कंग के लिए किया चुनाव प्रचार अजनाला हल्के में विरोधियों पर गरजे गुरजीत सिंह औजला स्वतंत्रता के 65 वर्ष बाद भी 18000 गांवों में नहीं थी बिजली,यहां मोदी ने की युद्धस्तर पर शुरुआत-टंडन कांग्रेस के प्रदेश सचिव व अनुबंध सफाई कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सहित 100 लोग हुए भाजपा में शामिल मैंने हमेशा कठिन चुनौतियों का सामना किया है, यह चुनाव तो सरल है : अमरिंदर सिंह राजा वडिंग विशाल महिला सम्मलेन मौलीजागरां में प्रिया टंडन ने संजय टंडन के लिए मांगे वोट स्वतंत्रता के 65 वर्ष बाद भी 18000 गांवों में नहीं थी बिजली,यहां मोदी ने की युद्धस्तर पर शुरुआत : संजय टंडन

 

करनाल वि.स. उपचुनाव के विषय पर झारखंड की एक सीट पर घोषित उपचुनाव का भी पड़ सकता है असर

बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय के बाद चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की अकोला सीट पर उपचुनाव रोका हालांकि झारखंड की गांडेय वि.स. सीट पर नहीं

Hemant Kumar, Advocate Hemant Kumar, Punjab & Haryana High Court Chandigarh, Chandigarh
Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

चंडीगढ़ , 02 Apr 2024

बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा गत माह 26  मार्च को दिए  एक निर्णय को आधार बनाकर  हरियाणा में गत माह 13  मार्च को  पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के त्यागपत्र से रिक्त हुई करनाल विधानसभा  सीट, जहाँ आगामी 25 मई‌‌‌  को मतदान घोषित किया गया है, को रोकने  के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित  याचिका डाली गई है जिसकी अगली सुनवाई 3 अप्रैल को निर्धारित है।

सनद रहे कि 26 मार्च को बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच की एक खंडपीठ द्वारा  महाराष्ट्र  की रिक्त अकोला (पश्चिम) विधानसभा सीट पर उपचुनाव न कराने का  आदेश दिया गया चूँकि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (आर.पी. एक्ट), 1951 के  अनुसार उक्त  सीट पर उपचुनाव में निर्वाचित होने वाले विधायक का कार्यकाल एक वर्ष से कम होगा। अदालत के निर्णय के अगले ही दिन  27 मार्च को  चुनाव आयोग द्वारा  रिक्त अकोला वि.स.  सीट पर उपचुनाव की चुनावी प्रक्रिया रोक दी गयी।

बहरहाल, इस सबके बीच हरियाणा में रिक्त करनाल वि.स. सीट पर  निर्धारित उपचुनाव पर भी प्रश्नचिन्ह उठने लगे है‌ क्योंकि इस सीट का भी  शेष कार्यकाल  एक वर्ष से कम है। करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव हेतू भाजपा ने हरियाणा के  मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पार्टी  उम्मीदवार घोषित किया है जो फिलहाल मौजूदा  हरियाणा विधानसभा के सदस्य नहीं है।

इस विषय पर  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट और चुनावी मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि रिक्त करनाल वि.स. सीट का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम है इसलिए लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 151 ए के दृष्टिगत सामान्य परिस्थितियों में इस सीट पर  उपचुनाव नहीं बनता। चूंकि वर्तमान हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है, इसलिए पूर्व विधायक और पूर्व सीएम मनोहर लाल का करनाल से विधायक के रूप में शेष कार्यकाल करीब आठ महीने ही शेष था।

बहरहाल, अब प्रश्न यह उठता कि क्या बॉम्बे हाईकोर्ट के  26 मार्च के  निर्णय के आधार पर क्या रिक्त करनाल वि.स. सीट पर भी उपचुनाव की प्रक्रिया रोकी जा सकती है। इस विषय पर हेमंत का  कहना है कि न केवल हरियाणा में करनाल वि.स. सीट बल्कि झारखंड राज्य की एक रिक्त गांडेय वि.स. सीट पर कमोबेश अकोला सीट जैसी ही स्थिति है क्योंकि उस सीट पर भी नव-निर्वाचित विधायक का कार्यकाल केवल 7 महीने अर्थात एक वर्ष से कम होगा क्योंकि मौजूदा झारखंड विधानसभा का कार्यकाल भी अगले वर्ष 5 जनवरी 2025 तक है। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय के बाद चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र की अकोला (पश्चिम)।

सीट पर तो उपचुनाव की प्रक्रिया रोक दी  परन्तु झारखण्ड की उक्त सीट  में ऐसा नहीं किया गया एवं आगामी 20 मई को इस सीट पर मतदान निर्धारित है. आज तक किसी पक्ष  ने  उक्त सीट पर घोषित  उपचुनाव के विरूद्ध झारखंड हाई कोर्ट में रिट याचिका नहीं दायर की है। जहाँ तक  करनाल  सीट पर उपचुनाव का प्रश्न है तो चूंकि इस सीट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जिन्हे गत माह 12 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई एवं जो मौजूदा तौर पर विधायक नहीं है एवं उन्हें उक्त उपचुनाव के लिए भाजपा द्वारा पार्टी उम्मीदवार बनाया गया है, इसलिए करनाल वि.स. सीट का शेष कार्यकाल एक वर्ष से कम होने के बावजूद इस सीट पर उपचुनाव कराया जा सकता है क्योंकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (4 ) के अंतर्गत गैर-विधायक रहते  हुए कोई भी मुख्यमंत्री या मंत्री केवल नियुक्ति के अधिकतम 6 महीने तक ही उस पद पर रह सकता है उससे अधिक नहीं।

इसलिए अगर मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर उनकी नियुक्ति के 6 माह के भीतर अर्थात 11 सितम्बर 2024  तक मौजूदा हरियाणा विधानसभा के सदस्य निर्वाचित नहीं होते, तो उन्हें मुख्यमंत्री का  पद छोड़ना पड़ेगा जिसका अर्थ है कि हरियाणा की  मौजूदा पूरी मंत्रिपरिषद को हटना पड़ेगा। इसलिए उक्त तारीख से पूर्व मुख्यमंत्री  नायब सिंह को विधायक निर्वाचित होने का एक अवसर प्रदान करना आवश्यक है जिसके लिए अल्प-अवधि अर्थात एक वर्ष से कम अवधि के लिए भी रिक्त करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव कराया जा सकता है।

हेमंत का कहना है कि चूँकि भारतीय चुनाव आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 324  के अंतर्गत एक संवैधानिक  संस्था है, इसलिए उसे संवैधानिक शक्तियां प्राप्त है, अत: लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951  की धारा 151 ए में  एक वर्ष से कम अवधि के लिए उपचुनाव न करने का स्पष्ट उल्लेख होने बावजूद आयोग रिक्त करनाल वि.स. सीट पर उपचुनाव कराने के लिए सक्षम है। हालांकि अगर  करनाल वि.स. सीट पर मुख्यमंत्री नायब सैनी उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं होते, तो इस रिक्त सीट पर भी  उपचुनाव रोका जा सकता था।

इसी प्रकार प्रदेश के बिजली एवं जेल मंत्री रणजीत  चौटाला के रानिया वि.स. सीट के विधायक पद से दिए गये इस्तीफे के स्वीकार होने के बावजूद उस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा। हेमंत ने बताया कि  करीब  38 वर्ष ‌नवंबर, 1986 में भी ऐसा हुआ था जब  हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल को बदल कर लोकसभा सांसद  बंसी लाल को मुख्यमंत्री बनाया गया था एवं  तत्कालीन  हरियाणा विधानसभा की एक वर्ष से कम अवधि शेष होने बावजूद भिवानी जिले की तोशाम विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया था जिसमें बंसी लाल रिकॉर्ड मार्जिन से निर्वाचित होकर विधायक बने थे।

उस  उपचुनाव के विरुद्ध हालांकि पहले  दिल्ली हाई कोर्ट और फिर  सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गयी परन्तु दोनों शीर्ष अदालतों ने उसमें हस्तक्षेप नहीं किया था. इसी प्रकार वर्ष 1999 में ओडिशा के  तत्कालीन मुख्यमंत्री और लोकसभा सांसद गिरिधर गमांग के लिए भी एक वर्ष से कम अवधि  के लिए  विधानसभा उपचुनाव कराया गया था जिसे जीतकर वह विधायक बने थे।

 

Tags: Hemant Kumar , Advocate Hemant Kumar , Punjab & Haryana High Court Chandigarh , Chandigarh

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD