भूजल स्तर में दिन-ब-दिन गिरावट को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने पक्के खालों की बहाली करने के लिए फिर से बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही इन पक्के खालों के माध्यम से नहर के पानी से सिंचाई करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा।
इस संबंध में योजना बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नर श्री कुलवंत सिंह ने आज संबंधित विभागों के साथ बैठक की। इस बैठक में श्री राम सिंह और श्रीमती चारुमिता (दोनों एसडीएम), गुरु साहिब चैरिटेबल सोसाइटी मोगा के अध्यक्ष बाबा गुरमीत सिंह और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि पंजाब, खासकर मोगा जिला, तेजी से गंभीर जल संकट की ओर बढ़ रहा है। अगर हम इसी तरह भूजल का दुरुपयोग करते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं होगा। आज स्थिति यह है कि हमारे पास जमीन के नीचे 10-12 साल का पीने योग्य पानी ही बचा है।
भू-जल संरक्षण कर मोगा को 'डार्क जोन' से बाहर निकालना समय की मुख्य आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भू-जल को बचाने के लिए सबसे जरूरी है कि कृषि कार्यों के लिए भू-जल का उपयोग कम किया जाए।
कृषि के लिए नहर के पानी का अधिकतम उपयोग करना चाहिए। लेकिन हमारी नहरी जल सिंचाई व्यवस्था विलुप्त होने के कगार पर है।
काफी हद तक किसानों ने अपनी जमीन में सूय, कसिया, नालियां और खालों को शामिल कर ली हैं। नतीजतन जरूरतमंद किसानों के खेतों में नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है।
इसीलिए पंजाब सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने जिला मोगा में खालों को बहाल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सिंचाई एवं नहर विभाग को मोगा जिले में सुए, नहर, कस्सियां व खालों की वास्तविक रिपोर्ट तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए, ताकि शासन स्तर पर कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने कहा कि सुआे, कसिया, नालों व नालों की सफाई व पुनरोद्धार के लिए विभागीय कार्रवाई अभी से शुरू की जाए। जहां निशानदेही आदि की आवश्यकता है, वहां राजस्व विभाग को आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य आगामी धान के मौसम में किसानों को नहर के पानी से अपनी फसलों की सिंचाई के लिए प्रेरित करना है। इसलिए किसानों की छोटी-छोटी सभाएं उनके क्षेत्रों, खेतों और स्थानों पर आयोजित की जाएंगी। पानी के सदुपयोग के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा।
इस मौके पर मौजूद बाबा गुरमीत सिंह ने भरोसा दिलाया कि वह और उनकी संस्था इस काम में और योगदान देगी। उन्होंने कहा कि अपने कल को बचाने के लिए भूमिगत जल का उपयोग करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।