अमृतसर में सिख धर्मस्थल स्वर्ण मंदिर के आसपास की सरायों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को एक तर्कहीन फैसला बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को मांग की कि इसे वापस लिया जाए। मुख्यमंत्री ने यहां एक बयान में स्वर्ण मंदिर की सरायों पर जीएसटी लगाने के फैसले की निंदा की।
उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह एनआरआई निवास, बाबा दीप सिंह निवास और माता भाग कौर निवास सहित सरायें स्वर्ण मंदिर से जुड़ी हैं। मान ने कहा कि ये सराय पवित्र मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए हैं और हमेशा गुरुद्वारा परिसर का अभिन्न अंग रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दशकों से ये सरायें श्री दरबार साहिब में बिना किसी लाभ के आने वाले भक्तों को आराम से रहने की सुविधा प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि कमरे के शुल्क पर जीएसटी लगाने से उच्च शुल्क लगेगा, जिससे दुनिया भर से श्री दरबार साहिब आने वाले तीर्थयात्रियों पर भारी बोझ पड़ेगा। स्वर्ण मंदिर में साल भर पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। बता दें कि जीएसटी परिषद ने हाल ही में होटलों के प्रतिदिन 1000 रुपये से नीचे किराये वाले कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया था।