Tuesday, 06 June 2023

 

 

खास खबरें विधायक लाभ सिंह उगोके पर प्रताप बाजवा के विवादित बयान की 'आप' ने की निंदा, कहा - यह पंजाब के दलित समाज का अपमान विश्व पर्यावरण दिवस : पंजाब के गाँवों में ठोस अवशेष प्रबंधन और तरल अवशेष प्रबंधन के लिए 166 करोड़ रुपए जारी : ब्रम शंकर जिम्पा समूह शहरी स्थानीय इकाईयों में लगाऐ जाएंगे 2.25 लाख पौधे, गिनती और प्रगति का ऑनलाइन रखा जायेगा रिकॉर्ड : बलकार सिंह कैबिनेट मंत्री अनमोल गगन मान ने खरड़ शहर के अलग-अलग वार्डों के विकास कामों का लिया जायज़ा केंद्रीय टीम ने जल शक्ति अभियान अधीन जालंधर में पानी की संभाल संबंधी प्रोजैक्ट की प्रगति का लिया जायजा पर्यावरण संरक्षण को लेकर सभी समझें अपनी जिम्मेदारी - किशोरी लाल अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमित महाजन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाने का न्योता दिया दसूहा-हाजीपुर सड़क का नाम हुआ जस्सा सिंह रामगढ़िया मार्ग ब्रम शंकर जिम्पा द्वारा जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग को सभी योजनाओं को समयबद्ध ढंग के साथ मुकम्मल करने के निर्देश मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा राज्य में जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक लोक लहर शुरु करने का न्योता हरित ऊर्जा राज्य बनने में अहम् भूमिका निभाएगा हरित हाईड्रोजन: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समाज कल्याण में संत निरंकारी मिशन की अहम भूमिका: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अत्याधुनिक एआई-आधारित मेडिकल लैब एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिंपाने वार्ड नंबर 9 में 35 लाख रुपए की लागत से ट्यूबवेल के निर्माण कार्य की करवाई शुरुआत पंजाब यूनिवर्सिटी में हमारा हिस्सा पहले से, पूर्व में हरियाणा के कई कालेज पंजाब यूनिवर्सिटी से एफीलेटिड रहे : गृह मंत्री अनिल विज ‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ सोमवार को 95वें दिन आदमपुर विधानसभा क्षेत्रों के गांव कालीरामण, कोहली, आदमपुर गांव, आदमपुर मंडी व किशनगढ़ में पहुंची राज्य सरकार प्लास्टिक का विकल्प तलाशने के लिए नीति तैयार करेगी: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हमीरपुर में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की मुख्यमंत्री भगवंत मान की हरियाणा के मुख्यमंत्री को साफ इंकार; ‘‘पंजाब यूनिवर्सिटी में नहीं मिलेगी कोई हिस्सेदारी’’ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

 

केदारनाथ त्रासदी के 9 साल बाद बना धाम का प्रवेश द्वार, अब घंटी बजाकर एंट्री लेंगे भक्त

Religious, Rudraprayag, Kedarnath, Kedarnath Dham

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

रुद्रप्रयाग , 30 Jul 2022

केदारनाथ आपदा के नौ साल बाद केदारनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार का निर्माण हो गया है। अब भक्त द्वार पर लगी घंटी को बजाकर मंदिर परिसर में दाखिल हो सकेंगे। 16-17 जून 2013 की आपदा में विश्वविख्यात केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में बना प्रवेश द्वार ध्वस्त हो गया था। बदरी-केदार मंदिर समिति ने तीर्थ पुरोहितों और भक्तों की मांग पर द्वार का निर्माण कराने के साथ ही घंटी को लगवाया है। 

पुरोहित कर रहे थे मांग :

आपदा से पहले केदारनाथ मंदिर के पास प्रवेश द्वार और गेट पर बड़ी सी घंटी लगी थी। लेकिन, आपदा के बाद यह निर्माण कार्य नहीं हो सका था। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों की ओर से बार-बार गेट निर्माण करने के साथ ही घंटा लगाने की मांग की जा रही थी। ऐसे में बदरी-केदार मंदिर समिति ने तीर्थ पुरोहितों और भक्तों की मांग पर द्वार का निर्माण कराने के साथ ही घंटी को लगवाया है।

उत्तराखंड के केदारनाथ में आई भयानक आपदा को 9 साल हो गए हैं। साल 2013 में 16 और 17 जून को आई इस आपदा में कम से कम 6000 लोग मारे गए। तब कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और फिर चौराबाड़ी झील के फटने से राज्य का यह हिस्सा तहस नहस हो गया था। अमूमन सौम्य दिखने वाली मंदाकिनी रौद्र रूप में आ गई। 

साल 2013 में केदारनाथ धाम में आई विनाशकारी आपदा में लापता हुए लोगों का दर्द आज भी उनके परिजनों के चेहरों पर साफ दिखाई पड़ता है। हालांकि, आपदा के नौ साल गुजर गए हैं, लेकिन इस प्रलयकारी आपदा के जख्म आपदा की बरसी पर फिर से ताजे होते चले जाते हैं। इस भीषण आपदा में अब भी 3,183 लोगों का कोई पता नहीं चल सका है।

16 और 17 जून 2013 की भीषण आपदा में बड़ी संख्या में यात्री और स्थानीय लोग इस आपदा की चपेट में आ गए थे। आज तक इन लोगों का पता नहीं लग पाया है। केदारघाटी के अनेक गांवों के साथ ही देश-विदेश से आए तीर्थयात्रियों ने आपदा में जान गंवाई। सरकारी आंकड़ों को देखें तो पुलिस के पास आपदा के बाद कुल 1840 एफआईआर दर्ज हुईं। 

बाद में पुलिस ने सही तफ्तीश करते हुए 1256 एफआईआर को वैध मानते हुए कार्रवाई की। पुलिस के पास 3,886 गुमशुदगी दर्ज हुई। जिसमें से विभिन्न सर्च अभियानों में 703 कंकाल बरामद किए गए।

बड़े पत्थर ने बाबा के मंदिर को किया था सुरक्षित:

कहा जाता है मंदिर के ठीक पीछे ऊपर से बहकर आए एक बड़े पत्थर ने बाबा के मंदिर को सुरक्षित कर दिया था। आज उस पत्थर को भीम शिला के नाम से जाना जाता है। इस प्रलय में 2241 होटल, धर्मशाला एवं अन्य भवन पूरी तरह ध्वस्त हो गए थे। पुलिसकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर करीब 30 हजार लोगों को बचाया था। यात्रा मार्ग एवं केदारघाटी में फंसे 90 हजार से अधिक लोगों को सेना की ओर से सुरक्षित बचाया गया।

 

Tags: Religious , Rudraprayag , Kedarnath , Kedarnath Dham

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2023 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD