भविष्य में किसी भी तरह के आपात हालातों, विशेष तौर पर कोविड के आगे फैलाव से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए बेहतरीन स्वास्थ्य सहूलतें मुहैया करवाने और बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे को और मज़बूत करने के लिए मुख्य सचिव, विनी महाजन ने आज सम्बन्धी अधिकारियों को बठिंडा के आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल साइंसेज़ (एमज़) में आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमैंट) सेवाएं सितम्बर के अंत तक शुरू करने के इलावा अगले साल अक्तूबर तक संगरूर में निर्माणाधीन पीजीआइ सैटेलाइट सैंटर को कार्यशील करने के निर्देश दिए।यहाँ एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि फ़िरोज़पुर में पीजीआइ सैटेलाइट सैंटर का निर्माण कार्य पिछले महीने सौंप दिया गया है और यह काम 39 महीनों में मुकम्मल हो जायेगा।पिछले हफ़्ते राज्य में कोविड पाज़िटिविटी दर 0.1 फ़ीसद पर स्थिर रहने पर संतोष ज़ाहिर करते हुये मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को त्योहारों के सीजन से पहले बड़े स्तर पर जांच और संपर्क ट्रेसिंग जारी रखने के निर्देश दिए।श्रीमती महाजन ने 31 अहम बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्टों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की, जिसमें भारतीय रेलवे, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अथारिटी और लोक निर्माण विभाग की तरफ से चलाए जा रहे विभिन्न रेलवे लाईनों और सड़कीय प्रोजेक्टों के अलावा रोपड़ में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टैकनोलोजी, अमृतसर में इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, बठिंडा में एमज़, संगरूर में पीजीआइ सैटेलाइट सैंटर और बठिंडा में ईथानोल बायो -रिफायनरी प्रोजैक्ट शामिल हैं।उन्होंने बताया कि राज्य में 13315 करोड़ रुपए की लागत से 19 अहम बुनियादी ढांचा प्रोजैक्ट मुकम्मल हो चुके हैं।
राज्य में अंतर-राज़ीय सड़कीय संपर्क और आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा देने के लिए मुख्य सचिव ने बताया कि फगवाड़ा-रूपनगर (2574 करोड़ रुपए), एनएच -71 के लांबड़ा-शाहकोट सैक्शन (847 करोड़ रुपए) एनएच -71 का मोगा -टल्लेवाल सैक्शन (905 करोड़ रुपए), खरड़-लुधियाना (2593 करोड़ रुपए), एनएच -71 के शाहकोट-मोगा सैक्शन (766 करोड़ रुपए), चंडीगढ़-खरड़ (800 करोड़ रुपए) और लुधियाना -तलवंडी (479 करोड़ रुपए) को चतुर्थमार्गी करने का काम मुकम्मल हो चुका है।इसके इलावा एनएच -354 के खेमकरन से अमृतसर बाइपास की शुरुआत तक के सैक्शन का नवीनीकरण और सुधार (196 करोड़ रुपए), रामदास से गुरदासपुर समेत करतारपुर साहिब कॉरिडोर (219 करोड़ रुपए), एनएच -254 के मु्ुदकी -जवाहर सिंह वाला सैक्शन (173 -करोड़ रुपए) को पेवड शोलडर के साथ द्विमार्गी करने, एनएच -354 ई के अबोहर -सीतो गुन्नो -डब्बवाली सैक्शन (322 -करोड़ रुपए), एनएच -703 बी के मक्खू-हरीके-खालड़ा सैक्शन (294-करोड़ रुपए), टोहाना (हरियाणा) पंजाब /हरियाणा बार्डर से मुनक -जाखल -बुढलाडा -भीखी तक एनएच -148 बी (342 -करोड़ रुपए) को चौड़ा करने और पेवड शोलडर बनाने, हरीके -ज़ीरा (892 करोड़ रुपए) के साथ पेव शोलडर बनाने के अलावा मौजूदा द्विमार्गी कैरेजवेय को चतुर्थमार्गी करने का काम प्रगति अधीन है।फेज-1 बी के अधीन आईआईटी, रोपड़ (351-करोड़ रुपए) के लिए विभिन्न इमारतों के निर्माण को मुकम्मल किया गया, इसके इलावा क्रमवार 219 करोड़ और 240 -करोड़ रुपए की लागत से एनएफएल, बठिंडा और नंगल में गैस ट्रबो जैनरेटर और हीट रिकवरी स्टीम जैनरेटर प्रोजैक्ट लागू किये गए हैं। बठिंडा में आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल साईंस(925 करोड़ रुपए) और संगरूर में सैटेलाइट सैंटर पीजीआइ चंडीगढ़ (178 करोड़ रुपए) का काम भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट मांगते हुये रेलवे लाईन प्रोजेक्टों के लिए चल रही ज़मीन अधिग्रहण प्रक्रिया को और तेज़ करने के लिए कहा।