फैशन डिजाइनर मसाबा गुप्ता का कहना है कि फैशन उद्योग में 11 साल बिताने के बाद भी आज भी उनसे उनके माता-पिता और साल 1988 की घटनाओं के बारे में पूछा जाता है, लेकिन उन्हें अब इससे फर्क नहीं पड़ता है, वह इसके साथ सहज हैं।मसाबा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने ब्लाइंड आइटम्स (किसी विशेष व्यक्ति के बारे में लिखा ऐसा आर्टिक्ल जिसमें व्यक्ति का नाम नहीं दिया जाता है) की संस्कृति के साथ जीना सीख लिया है। उन्होंने कहा, "मुझे यह कहना पड़ेगा कि हां मैं वास्तव में ब्लाइंड आइटम्स पढ़ने का आनंद लेती थी, लेकिन सिर्फ तब तक जब तक कि यह मेरे बारे में नहीं था। मुझे लगता है कि यह मनुष्य की प्रवृत्ति है कि जब तक आपके साथ वह चीज नहीं होती है या आप उस अनुभव से नहीं गुजरते हैं तब तक किसी चीज को लेकर आप अपना ²ष्टिकोण नहीं बदल पाते हैं, और अनुभव प्राप्त करने के पश्चात ही आप लोगों के प्रति दयालु होते हैं। उसके पहले तक आप उसका वास्तविक अनुमान नहीं लगा पाते हैं।"मसाबा का जन्म 80 के दशक में हुआ था और वह वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर विवियन रिचर्डस और अभिनेत्री नीना गुप्ता की बेटी हैं। उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मेरा जन्म ही विवाद के दौरान हुआ था। मुझे कई तरह के मेरे माता-पिता के बारे में भी प्रश्न पूछे गए। आज भी 11 साल तक फैशन इंडस्ट्री में रहने के बाद भी मेरे माता-पिता को लेकर सवाल उठाए जाते हैं और पूछा जाता है कि 1988 में क्या हुआ था। मैंने इसके साथ जीना और सहज होना सीख लिया है।"मसाबा ने कहा कि वह 'बहुत ही निजी घेरे' में अपना जीवन जीना पसंद करती हैं।डिजाइनर ने अब एक काल्पनिक सीरीज 'मसाबा मसाबा' के लिए अपने जीवन के कुछ हिस्सों से पर्दा हटाया है। नेटफ्लिक्स शो में मसाबा और उनकी मां नीना ने अपने काल्पनिक संस्करण निभाए हैं। इस शो के माध्यम से तस्वीर में नजर आने वाली मुस्कुराहट के पीछे की वास्तविक सच्चाई को दिखाया गया है। इसमें उनके तलाक, उनकी मां के साथ उनके बंधन, शोबिज के चंचल स्वभाव और ब्लाइंड आर्टिकल्स के प्रभावों के बारे में बताया गया है।इस 28 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज शो में नील भूपालम, रिताशा राठौर, स्मरण साहू और सत्यदीप मिश्रा ने भी अभिनय किया है।