शुक्रवार को सी.आर.पी.एफ. के महानिदेशक ए.पी.महेश्वरी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये दंतेवाड़ा में तैनात 195 वाहिनी के कमाण्डेंट राकेश कुमार सिंह की पुस्तक का विमोचन किया। “नक्सलवाद-अनकहा सच“ शीर्षक से लिखी गई यह पुस्तक नक्सलवाद के अनकहे, अनछुए पहलुओं की गहराई से पड़ताल करती है।पुस्तक विमोचन के इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें कोरोना संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए किसी तरह का सार्वजनिक आयोजन या जमावड़ा नही किया गया। बल द्वारा यह निर्णय लिया गया कि संक्रमण के इस दौर में महानिदेशक महोदय दिल्ली स्थित अपने कार्यालय से ही पुस्तक का ऑनलाइन विमोचन करेंगे। पुस्तक के लेखक राकेश कुमार सिंह ने भी दंतेवाड़ा के बारसूर स्थित अपनी बटालियन मुख्यालय से ही पुस्तक का विमोचन करवाने का निर्णय लिया। वे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये अपने सभी अधिकारियों एवं जवानों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए।लेखक ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अपने लम्बे कार्यकाल विशेषकर छत्तीसगढ़ में बिताए 06 सालों की तैनाती अवधि का निचोड़ इस पुस्तक के माध्यम से सहेजने की कोशिश की हैं। पुस्तक में लेखक ने लम्बे परिचालनिक अनुभव एवं नक्सलवाद पर किए गए गहन अध्ययन एवं शोध को बड़े ही सरल एवं सारगर्भित तरीके से प्रस्तुत किया है, जो आखिरी पेज तक पाठक को अपनी भाषाई शिल्प एवं रोचकता की चाशनी में बांधे रखती है।यह पुस्तक नक्सलवाद की समस्या को परत दर परत खोलते हुए इसके हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करती है। नक्सलवाद के जन्म से लेकर उसके क्रमिक प्रचार-प्रसार के बीच देश की बनती-बिगड़ती सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिदृश्यों की चर्चा भी लेखक ने की है। लेखक का मानना है की नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सरकार अनेक सार्थक एवं प्रभावी नीतियों बना रही है किंतु भय, भूख एवं भ्रष्टाचार ऐसे कारक हैं जो नक्सलवाद के लिए ईंधन का कार्य करते हैं। अतः जनता-जनार्दन की देश हित को लेकर परिपक्व सोच एवं सरकारों की दृढ़ राजनैतिक इच्छा शक्ति द्वारा ही इस तथाकथित दूर्दांत आंदोलन को निष्प्रभावी किया जा सकता है।
195 वाहिनी को बनाया सर्वश्रेष्ठ बटालियन
गौरतलब है कि पुस्तक के लेखक राकेश कुमार सिंह का छत्तीसगढ़ में कार्यकाल बहुत ही सफल एवं सराहनीय रहा है। उनके द्वारा अनेक उच्चस्तरीय सफल परिचालनिक अभियानों के साथ ही बस्तर वासियों के स्वास्थ सुधार एवं विभिन्न सामाजिक मुद्दों को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाया गया है। अपनी परिचालनिक उत्कृष्टता के लिए बल द्वारा 195 वाहिनी को वर्ष 2019 की वामपंथी अतिवाद क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ बटालियन के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। साथ ही वर्षा जल संरक्षण, तालाबों की मरम्मत एवं नवनिर्माण तथा वृक्षारोपण हेतु भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा 195 बटालियन को “वाटर हीरो“ की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
लेखन एवं शोध के क्षेत्र में है लंबा अनुभव
राकेश कुमार सिंह, कमाण्डेंन्ट 195 वाहिनी का पठन-पाठन, लेखन एवं शोध के क्षेत्र में गहरी दिलचस्पी एवं लम्बा अनुभव रहा है। नक्सलवाद के ऊपर लिखी गई उनकी प्रथम पुस्तक “नक्सलवाद और पुलिस की भूमिका“ को गृह मंत्रालय के ’पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त’ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। साथ ही पुलिस ट्रेनिंग एवं तनाव नियंत्रण पर लिखी गई उनकी पुस्तकें तमाम ट्रेनिंग सेंटरों में प्रचलित हैं। ’एक घूँट चाँदनी’ नाम से लिखा गया उनका उपन्यास प्रेम को नए आयाम को परिभाषित करता है एवं युवाओं में खास लोकप्रिय है। वर्तमान में भी लॉक डाउन की दुस्वारियों एवं नक्सलविरोधी अभियानों के बीच सामंजस्य बिठाते हुए वे अपने एक नए उपन्यास को उकेरने में जुटे हुए हैं।