जम्मू-कश्मीर राज्य के जिला अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए अध्यक्ष डॉ. हिना भट्ट की अध्यक्षता में जिला अधिकारियों की एक बैठक उद्योग भवन जम्मू के सम्मेलन हॉल में हुई। बैठक में सचिव/सीईओ केवीआईबी राशिद अहमद कादरी, एफए और सीएओ केवीआईबी मोहम्मद अशरफ हकला, डिप्टी सीईओ केवीआईबी कश्मीर संभाग मुजफ्फर अलकाबंध, डिप्टी सीईओ केवीआईबी जम्मू संभाग तिलक राज और केवीआईबी जम्मू और कश्मीर संभागों के वरिष्ठ जिला अधिकारी उपस्थित थे।पीएमईजीपी योजना को मजबूत करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहलों के बारे में बताते हुए डॉ. हिना ने कहा कि योजना में जवाबदेही लाने और इसे लाभार्थी के अनुकूल बनाने के लिए, पीएमईजीपी एप्लिकेशन की ई-ट्रैकिंग की एक प्रणाली को अनिवार्य बनाया गया है। प्रत्येक आवेदक को ऑनलाइन एक विशिष्ट आईडी प्रदान की जाती है, जिसके माध्यम से वह विभिन्न चरणों में पीएमईजीपी एप्लिकेशन की स्थिति को ट्रैक कर सकता है। क्षेत्र में जिला अधिकारियों द्वारा सामना की गईं कुछ समस्याओं को सुनकर डॉ. हिना ने राज्य के जिला विकासायुक्तों से अनुरोध किया कि वे दिशानिर्देश के अनुसार शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने में उनका समर्थन करें।बैठक में सचिव/सीईओ केवीआईबी ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में केवीआईबी ने 633 मामलों के लक्ष्य के अनुसार 28 फरवरी 2020 तक 1739 मामले मंजूर किये हैं, जिसमें पीएमईजीपी योजना के तहत अतिरिक्त राशि के रूप में 3615.57 लाख रु. शामिल हैं और 472 मामलों के लक्ष्य के अनुसार 616 मामले मंजूर किए गए हैं, जिसमें जेकेआरईजीपी के तहत अतिरिक्त राशि के रूप में 1513 लाख रु. शामिल हैं।