केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आज सीमावर्ती जिला सांबा में पूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन किया और नए कार्यों का शुभारंभ किया और राया मोड़ ब्लॉक-विजयपुर में एक सार्वजनिक बैठक की अध्यक्षता की।इस अवसर पर, सांसद लोकसभा जुगल किशोर शर्मा, सचिव कृषि विभाग मंजूर अहमद, जिला विकास आयुक्त सांबा रोहित खजूरिया, निदेशक कमांड एरिया डेवेलपमेंट स्मिता सेठी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शक्ति पाठक, अतिरिकत उपायुक्त विकास गुप्ता के अलावा अन्य जिला और क्षेत्रीय अधिकारी, बीडीसी अध्यक्ष, सरपंच, पंच और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद थे।कार्यक्रम के दौरान, मंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति योजना राया-सुचानी और पट्टी के सुधार और संवर्द्धन कार्य का शुभारंभ किया। उन्होंने रांझेरी, राया में नवनिर्मित राया से पट्टी सड़क और नाला विकास परियोजना का भी उद्घाटन किया।इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री द्वारा समाज कल्याण विभाग की राज्य विवाह सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता के स्वीकृत पत्र भी कई लाभार्थियों को प्रस्तुत किए गए।
इसके उपरांत, सार्वजनिक बैठक में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करते हुए, कैलाश चौधरी ने बताया कि भारत सरकार ने सामाजिक कल्याण योजनाओं का एक समूह शुरू किया है, जो आम जनता को सीधे लाभ पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कष्मीर के विकास के लिए अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई नीतियां इसके विकास के संदर्भ में एक गेम चेंजर साबित होंगी।केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मेडिकल कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों को मंजूरी देने और पीआरआई को मजबूत करने सहित जम्मू-कष्मीर के विकास के लिए नई योजनाएं प्रगति पर हैं।कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार की पहल पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि भारत सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने में प्रमुख प्रगति कर रही है, जिससे किसानों को अपने खेतों में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां खोलने की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि समाज के समग्र विकास के लिए नया मंत्र ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विष्वास‘ के नारे में निहित है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला, उजाला, एसबीएम, आयुष्मान भारत, जन आरोग्य, पीएमएवाई, पीएमजीएसवाई और अन्य जैसी योजनाओं को समाज के उपेक्षित वर्ग की देखभाल के लिए शुरू किया गया है।इसके उपरांत, चौधरी और सांसद जुगल किशोर ने अधिकारियों की टीम के साथ आगे के सीमावर्ती गांवों का दौरा कर बारिश और खराब मौसम की स्थिति के कारण किसानों को हुए नुकसान का आकलन किया।