Saturday, 27 April 2024

 

 

खास खबरें कांग्रेस जन कल्याण में विश्वास करती है, न कि चुनिंदा लोगों को फायदा देने में: मनीष तिवारी राजा वडिंग ने व्यापारियों और उद्यमियों से की मुलाकात, उनकी दुर्दशा का समाधान खोजने का लिया संकल्प कांग्रेस में सक्रिय रहे जितेंद्र कुमार तोती अपने 100 समर्थकों सहित भाजपा में शामिल भाजपा की जनविरोधी और विभाजनकारी नीतियों का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को वोट दें : गुरजीत सिंह औजला अरविंद केजरीवाल के जेल में रहने से दिल्ली के कई काम रूके, हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से नहीं दे रहे अस्तीफा लोकसभा चुनाव में महिला वोटरों की होगी बड़ी भूमिकाः जयइंद्र कौर 4 जून को पूरा हो जाएगा मिशन 13-0, पंजाब की जनता नई कहानी लिखने को तैयार : भगवंत मान गुरजीत औजला की जीत की हैट्रिक के लिए पत्नी उतरी मैदान में पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भाजपा, कांग्रेस और अकाली दल को दिया बड़ा झटका एक बूथ-दस यूथ का नारा लेकर युवा करें चुनाव प्रचार: एन.के.शर्मा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) में तैनात हो गए दो मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) मीट हेयर के चुनाव अभियान को जबरदस्त समर्थन मिला सांसद मनीष तिवारी ने श्री आनंदपुर साहिब लोकसभा क्षेत्र की यादों को किया ताजा किसानों को मुआवजा दिए बिना सड़क का टेंडर लगवा कर जमीन पर गैरकानूनी कब्जा करवाना चाहते हैं परनीत कौर और बलबीर सिंह : एन के शर्मा डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने टांडा रेल हैड व गोदाम का दौरा कर लिफ्टिंग मूवमेंट का किया निरीक्षण सेफ स्कूल वाहन पालिसी के अंतर्गत 22 स्कूली बसों की चैकिंग की कांग्रेस का सनातन विरोधी चेहरा उजागर, प्रदेश में राम विरोधी को लड़ाया राज्यसभा चुनाव : राजीव बिन्दल वोट डालने से पहले काम व किरदार को देखे जनता:एन.के.शर्मा मैं लड़ेगा रिव्यू : आकाश प्रताप सिंह के मजबूत कंधो पर खड़ी एक मर्मस्पर्शी कहानी राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पेंशनर कल्याण संघ की स्मारिका का विमोचन किया मुख्य सचिव अनुराग वर्मा द्वारा खन्ना अनाज मंडी का दौरा, गेहूँ के खरीद प्रबंधों का लिया जायज़ा

 

सत्ता की चाबी किसके पास, अब तक साफ नहीं

Listen to this article

5 Dariya News

नई दिल्ली , 19 May 2019

दिल्ली की सत्ता की चाबी किसके पास होगी, राजनीतिक गलियारों में यह सवाल तेजी से कौंध रहा है। प्रधानमंत्री पद के लिए हमेशा की तरह मुफीद उत्तर प्रदेश होगा या सत्ता तक पहुंचने का रास्ता दक्षिण की मदद से खुलेगा, इसके अभी तक स्पष्ट संकेत नजर नहीं आ रहे। ताजा हालात के जो संकेत हैं, वे जुदा-जुदा हैं।ताजा घटनाक्रम में प्रज्ञा ठाकुर द्वारा गोडसे के बारे में दिए गए बयान से देशभर में दिखी नाराजगी के बाद नरेंद्र मोदी की खरी-खरी अंतिम चरण के चुनाव को अपने पक्ष में कितना साध पाएगी, नहीं पता। लेकिन ऐसे बयानों से देश के साथ प्रधानमंत्री भी नाखुश दिखे या दिखना पड़ा।गांधीजी की स्वीकार्यता पर संदेह का सवाल ही नहीं उठता। वह भी इतने अरसे बाद! लेकिन भाषाई मर्यादा को तार-तार करती राजनीति देश ने शायद पहली बार देखी है। यह पहला ऐसा आम चुनाव है, जिसमें सत्ता पक्ष मुद्दों से भटकता नजर आया और विपक्ष मुद्दों को साथ लेकर मैदान में कूदा। इस बार सत्ता का स्वरूप बदला-बदला सा होगा या फिर कुर्सी तक पहुंचने के लिए हथकंडों की राजनीति होगी, इसको लेकर अनिश्चितता अभी से दिखने लगी है। भारत की बदलती तस्वीर कैसी होगी, यह नया विषय बन गया है।प्रधानमंत्री मोदी ने वक्त की नजाकत को भांपते हुए पहली बार किसी नेता पर इतनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। ऐसी कड़ी प्रतिक्रिया हेमंत करकरे या बावरी विध्वंस पर प्रज्ञा के बयानों के वक्त भी दी जा सकती थी। मगर वोटों की राजनीति के चलते शायद ऐसा न किया गया हो। लेकिन क्या आगे वोटों की खातिर ऐसी राजनीति के चलन को रोका जा सकेगा?

कुछ भी हो, प्रज्ञा के बयान भाजपा को कितना फायदा या नुकसान पहुंचाते हैं नहीं पता, लेकिन इतना जरूर है कि बाबरी और करकरे पर टिप्पणी से महाराष्ट्र में संदेश अच्छा नहीं गया है। सवाल यह भी नहीं कि प्रज्ञा जीतेंगी या हारेंगी, उनकी मंशा क्या है यही काफी है। यदि प्रज्ञा की माफी ही काफी है तो आगे से इस तरह की माफियों की झड़ी नहीं लगे, इस बात की गारंटी कौन देगा?चुनाव आते-जाते रहेंगे। लेकिन देश और लोकतंत्र की अस्मिता के लिए भाषाई मर्यादा की गारंटी तो लेनी ही होगी। किसी को भी देश को आहत करने वाले बयानों से रोकने खातिर सख्ती पर ऐतराज नहीं होना चाहिए। चाहे कांग्रेस हो या भाजपा या कोई भी दूसरा दल, सभी को ध्यान रखना होगा और उनकी तरफ से बोलने वालों को हिदायत देनी होगी। यह भी ध्यान रखना होगा कि भारत 'धर्मनिरपेक्ष' देश है। यही विशेषता दुनिया में हमारा मान बढ़ाती है। लेकिन यदि वोट की खातिर महापुरुषों पर आपत्तिजनक बयानबाजी पर कड़ाई नहीं बरती गई तो निश्चित रूप से आने वाला समय मुश्किलों भरा होगा। यह सब भारत की तासीर और 'विश्वगुरु' बनने के सपने के लिए भी बेहद घातक होगा।महज वोट के लिए कीचड़ उछालने की राजनीति किसी भी दल की तरफ से नहीं होनी चाहिए। दुनिया के बड़े देशों से तो हम अपनी तुलना कर बैठते हैं, लेकिन वहां के राजनीतिक चलन से कितना सबक लेते हैं? एक ओर चुनाव सुधार की बात होती है, वहीं दूसरी ओर धनबल का खुला प्रदर्शन किया जाता है और चुनावों में भाषाई मर्यादा तार-तार की जाती है। ऐसे दोहरे चरित्र व कथनी और करनी में अंतर पर भी गौर करना होगा।

 

Tags: Election Special , Election 2019

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD