स्कूली षिक्षा, हज एवं औकाफ तथा जनजातीय मामलों के मंत्री चौ. जुल्फकार अली ने आज सम्बंधितों पर बल देते हुए कहा कि विभागों के खिलाफ मुकदमेबाजियों को कम करने हेतु एक पारदर्षी प्रक्रिया बनाई जाये। स्कूली शिक्षा विभाग, जम्मू व कश्मीर राज्य स्कूली शिक्षा बोर्ड तथा हज एवं औकाफ विभाग के खिलाफ चल रहे कोर्ट मामलों की समीक्षा हेतु एक बैठक के दौरान सम्बोधित करते हुए कही। मंत्री ने कहा कि सम्बंधित विभागों पर जिम्मेदारी निर्धारित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें हमारे विभागों में लोगों को जिम्मेदार तथा सबसे महत्वपूर्ण उन्हें जबावदेही बनाना होगा ताकि अभियोगिता को कोर्ट में जाने के लिए मजबूर न किया जा सके। एक पारदर्षी प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए मंत्री ने बताया कि यह अनिवार्य है कि इस तरह की एक प्रक्रिया शुरू की जाये जिससे लोगों को सुना जाएगा और उनके मुददों का कोर्ट जाने से पहले ही निपटारा होगा।
नीजि स्कूलों की कार्यप्रणाली के बारे में सम्बोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि जबकि सरकार नीजि स्कूलों के साथ समान्यता के साथ कार्य करने हेतु प्रयासरत है फिर भी नीजि स्कूलों के लिए निर्धारित मानदंडों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करना जिम्मेदारी बनती है।मंत्री ने कहा कि उनके कार्यालय में कुछ शिकायतें आई हैं कि नीजि क्षेत्र में कार्यरत शिक्षकों को निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा है। कुछ स्कूल ऐसे हैं जो छुटिटयों के समय के लिए अभिभावकों से मासिक फीस वसूल रहे हैं। उन्होंने कहा कि छुटिटयों के दौरान अभिभावकों से परिवहन फीस वसूलना किसी भी तरह से उचित नही है तथा इसपर शीघ्र रोक लगाई जानी चाहिए। मंत्री ने कहा कि स्कूलों को उसी तरह से मासिक फीस लेनी चाहिए जिस तरह से वे सुविधाएं उपलब्ध करवाते हैं। बैठक के दौरान मंत्री ने सम्बंधितों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि राज्य में किसी भी स्कूल को विभाग से एक उचित पंजीकरण के बिना चलाने की अनुमति न दी जाये।
उन्होंने सरकारी संसाधनों का उपयोग कर रहे नीजि स्कूलों का उल्लेख करने वाला एक सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि कश्मीर प्रांत में कुल 1159 मामले लम्बित हैं इसमें से 822 उच्च न्यायालय, 183 स्वार्डीनेट कोर्ट, 149 अवमानना के समक्ष जबकि जनहित याचिका के 5 मामले लम्बित हैं। जम्मू संभाग के लिए 2036 मामले लम्बित हैं जिनमें से 1921 उच्च न्यायालय तथा 115 स्वार्डीनेट कोर्ट के समक्ष लम्बित हैं। इसी तरह प्रशासनिक विभाग में 3283 मामले लम्बित हैं। बैठक में बताया गया कि जेकेबोस के 510 मामले लम्बित हैं। इनमें से 240 कश्मीर प्रांत जबकि 137 जम्मू प्रांत के लिए हैं। इनमें से 64 उच्च न्यायालय में हैं। एडवोकेट जनरल जहांगीर इकबाल, राजस्व आयुक्त सचिव शाह इनायत उल्लाह, स्कूली शिक्षा सचिव फारूक शाह, जेकेबोस की चेयरपर्सन प्रो. वीना पंडिता, स्कूली शिक्षा निदेशक कश्मीर जी.एन. इत्तु, स्कूली शिक्षा निदेशक जम्मू राकेश सरंगाल, विशेश सचिव एच.एल. सेठी तथा सम्बंधित कानून अधिकारी और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।