राजस्व, हज एवं औकाफ मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने आज विभाग के वरिश्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक में राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की।राजस्व वित्तयुक्त लोकेश झा, राजस्व आयुक्त सचिव शाहिद इनायत उल्ला, मंडलायुक्त जम्मू हेमंत शर्मा, उपायुक्त कुमार राजीव रांजन, कस्टोडियन जनरल जेएंडके एजाज अहमद भट्ट, सर्वेक्षण एवं भू रिकार्ड जम्मू एवं श्रीनगर के क्षेत्रीय निदेशक तथा विभाग के अन्य वरिश्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में कैपेक्स बजट के अंतर्गत निधि आवंटन के खर्चे सहित विभाग की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति के बारे मे बताया गया। यह भी बताया गया कि प्रस्तावित 712.12 लाख की राशि से 31 जनवरी 2018 तक 613.84 लाख रु का व्यय हुआ है।मंत्री ने अधिकारियों से वित्त विभाग को नियमित आधार पर मासिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा तथा उन्हांने मंडलायुक्त जम्मू से आगे की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भी कहा।बैठक में बताया गया कि पुरानी/नई प्रशासनिक इकाईयों को सुदृढ़ बनाने हेतु वर्तमान वित्त वर्श के दौरान निर्धारित 92.82 लाख रु की राषि में से जनवरी 2018 तक 85.50 लाख रु का उपयोग किया जा चुका है।
यह जानकारी दी गई कि राजस्व अधिकारियों को वाहन उपलब्ध करवाये जा रहे है। पहले चरण में सभी एसडीएम को नये वाहन उपलब्ध करवाये गये हैं और दूसरे चरण में तहसीलदारों को भी दिये जायेंगे।अन्य मुद्दों पर चर्चा करते हुए मंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को नायब तहसीलदारों की डीपीसी और पटवारियों से गिरदावरों की पदोन्नति के लम्बित मुद्दों को देखने के लिए कहा।डिजीटल भारत भूरिकार्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम की प्रगति से सम्बंधित बैठक में बताया गया कि राजस्व दस्तावेजों/मानचित्रों की स्कैनिंग, ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट की स्थापना और जीओ इंफारेमेशन सिस्टम का विकास प्रगति पर है।इवैक्यू सम्पति विभाग के प्रदर्शन पर चर्चा करते हुए मंत्री ने जम्मू और कश्मीर संभाग में पहले से ही चिन्हित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने के लिए कहा ताकि इन्हें यथाशीघ्र पूरा किया जा सके। सरकारी विभागों द्वारा पहले से ही प्राप्त किये गये ईपी विभाग की भूमि के लिए भुगतान इक्टठा करने सम्बंधित मंत्री को बताया गया कि जम्मू संभाग में 3 करोड जबकि कश्मीर संभाग में 75 लाख रु एकत्रित किये गये हे।वीरी ने मंडलायुक्त जम्मू को भुगतान एकत्रित करने की प्रक्रिया की जांच और समीक्षा करने तथा कस्टोडियन जनरल को लम्बित भुगतानों के मुद्दे को सम्बंधित विभाग और एजैंसियों के समक्ष रखने के लिए भी कहा।