समाज कल्याण, एआरआई एवं प्रशिक्षण व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सज्जाद गनी लोन ने सदन को बताया कि राज्य विवाह सहायता योजना (एसएमएएस) के अंतर्गत नकदी सहायता को सीधे लाभार्थियों के व्यक्तिगत बैंक खातों में जमा किया जा रहा है।सैफ-उद-दीन भट्ट के एक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि लाभार्थियों को संबंधित जिला समाज कल्याण कार्यालय (डीएसडब्ल्यूओ) में इस योजना के लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना आवश्यक है। विवरण देते हुए, उन्होंने बताया कि डीएसडब्ल्यूओ मामलों को जिला स्तर की स्वीकृति समिति को सौंपता है और यह पात्रता मानदंडों के प्रकाश में मामलों को साफ करता है। उन्होंने कहा कि सूची आखिरकार प्रशासनिक विभाग को सौंप दी गई है। उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार ने जिला स्तर की स्वीकृति समिति/ प्रशासनिक विभाग से निधियों की उपलब्धता के अनुसार समयबद्ध तरीके से निपटने के लिए कहा है।उन्होंने आगे बताया कि राज्य में लंबित दो लाख से अधिक वृद्ध, विकलांग और विधवा पेंशन मामले हैं, जिनमें 1,53,699 समेकित सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत और 1,13,991 राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत है।मामलों की संख्या में बढ़ती लंबितता के मुद्दे से संबंधित मंत्री ने कहा कि राज्य को केंद्र से एक निश्चित राशि मिलती है क्योंकि इस योजना की मांग नहीं है और मौजूदा संख्या में रिक्ति आने के बाद ही नए मामले शामिल किए गए हैं।