पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गुरुवार को अपने परिवार की संपत्ति से संबंधित पनामा पेपर्स मामले की जांच के लिए संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष पेश हुए। 'द न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट के अनुसार, जेआईटी के समक्ष पेश होने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री इसहाक दार, गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, उनके भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और अन्य वरिष्ठ सलाहकारों व निकट सहयोगियों से मुलाकात की।शरीफ जांच दल के समक्ष पेश होने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं।जेआईटी अपनी कार्यवाही को फेडरल ज्यूडिशियल एकेडमी (एफजेए) में कर रहा है।
प्रधानमंत्री को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए 13 सवालों के जवाब देने हैं।आठ जून को जेआईटी ने शरीफ को समन जारी कर गुरुवार को अपने समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। इस समन में प्रधानमंत्री को पनामा पेपर्स के मामले से संबंधित 'प्रासंगिक रिकॉर्ड, दस्तावेज, सामग्री' लाने का निर्देश दिया गया है। शरीफ के वकील, मखदूम अली खान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत लगभग सभी दस्तावेजों और सबूतों को जेआईटी ने शरीफ से अपने साथ लाने को कहा है।जेआईटी ने पिछले महीने शरीफ और उनकी संतानों के लिए प्रश्नावली तैयार की थी।जेआईटी ने 28 मई को प्रधानमंत्री के बड़े बेटे हुसैन नवाज से भी सवाल किए थे।
हुसैन अब तक जेआईटी के समक्ष पांच बार पेश हो चुके हैं। वहीं, नवाज के छोटे हेटे हसन भी जांच दल के समक्ष पेश हो चुके हैं।पनामा पेपर्स मामले में 20 अप्रैल के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने जेआईटी का गठन किया था और प्रधानमंत्री, उनके पुत्रों और इस मामले से संबंधित किसी भी अन्य व्यक्ति को उस धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए बुलाने का अधिकार दिया था, जिसके माध्यम से लंदन के पार्क लेन इलाके के चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे।जेआईटी ने प्रधानमंत्री के दामाद व सेवानिवृत्त कप्तान मोहम्मद सफदर को 25 जून को पेश होने का आदेश दिया है।