आम आदमी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं जश्रदीप संधु व बलजीत सिंह की गत रात्रि तृणमूल कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष व पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़ के साथ बैठक के बाद से, उनकी आप को छोडऩे संबंधी अटकलों के बीच संधु व बलजीत आज टी.एम.सी में शामिल हो गए।जगमीत बराड़ ने जश्रदीप व बलजीत का टी.एम.सी में स्वागत करते हुए कहा कि वह बहुत खुश हैं कि उन्होंने ममता बैनर्जी की सोच पर अपना विश्वास प्रकट किया है। उन्हें पार्टी में बनता सम्मान दिया जाएगा और उनके विचारों को टी.एम.सी में आजाद आवाज मिलेगी। हमारे द्वार आप सहित सभी पार्टियों के भाइयों व बहनों के लिए खुले हैं और हम पंजाब में राजवादशाही व परिवारवाद के खिलाफ काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस शमूलियत को समान विचारों के एक संगम व पंजाब को बचाने के लिए सांझा मिशन के रूप में देखा जाना चाहिए।
बराड़ ने इशारा किया कि टी.एम.सी को कांग्रेस सहित आप के एक वर्ग से कई असहमतों द्वारा संपर्क किया जा रहा है, जो विभिन्न कारणों के चलते अपने-अपने नेतृत्वों से निराश हैं। उन्होंने इशारा किया कि आगामी दिनों में कांग्रेस व आप से कुछ बड़े नाम टी.एम.सी में कदम रख सकते हैं।बलजीत आप के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, जो पंजाब में पार्टी की स्थापना में शामिल थे, जिन्होंने राज्य युवा उपाध्यक्ष व गुरदासपुर एवं पठानकोट जिलों के इंचार्जों के रूप में इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी टिकट या उच्च पद नहीं चाहते थे, लेकिन जब मेहनती वर्करों को साईड लगाया गया और हर विचार व सिद्धान्त से समझौता कर लिया गया, तो कुछ नहीं बचा। उन्होंने पार्टी के प्रत्येक स्तर पर अपनी चिंता जाहिर की, लेकिन उनकी बात तक न सुनी गई। ऐसे में उन्होंने अन्यों की तरह लोगों के बीच जाने की बजाय अपने खून-पसीने से खड़े किए गए आंदोलन को बाहर से समर्थन हेतु टी.एम.सी में शामिल होने का फैसला किया।
इसी तरह, जश्रदीप संधु शहीद-ए-आजम भगत सिंह के महान पौत्र हैं और वह फतेहगढ़ साहिब, बस्सी पठाना व अमलोह के सैक्टर इंचार्ज होने सहित बंगा व नवांशहर को सरगर्मी से नेतृत्व भी दे रहे थे। वह इस आंदोलन के साथ इंडिया अंगेस्ट क्रप्शन के दिनों में जुड़े थे और पार्टी के उद्देश्यों हेतु अपनी कनेडियन नागरिकता छोड़ दी।
लेकिन अफसोसजनक है कि आज वह महसूस कर रहे थे कि उनके आंदोलन के विचार पर समझौता हो रहा है, परंतु वह खुश हैं कि उन्हें मुद्दों पर आधारित राजनीति के लिए एक मंच मिल गया है, जहां वह काम कर सकते हैं और आजादी से अपना पक्ष रख सकते हैं।संधु नवांशहर विधानसभा क्षेत्र से संभावित उम्मीदवार थे, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करते हुए, बाद में आप का हिस्सा बने चरणजीत सिंह चन्नी को आप की टिकट दे दी गई। शहीद भगत सिंह के परिवार से एक अन्य सदस्य गुरजीत कौर ढट्ट टांडा से आप की टिकट पर इंकार किए जाने के बाद से पीछे हट चुकी हैं। संधु ने कहा कि भगत सिंह की पगड़ी की कॉपी करना व उनके नाम को इस्तेमाल करना बहुत आसान है, लेकिन हमारा इस्तेमाल किया गया है और अवसरवादी टिकट के चाह्वानों हेतु हमें साईड में कर दिया गया है, इससे भी ज्यादा इसने आप के लिए हमारे विश्वास को तोड़ दिया है।