राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वृद्धों के प्रति मुद्दों पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत पर जोर दिया है। आज यहां अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर आयोजित वयोश्रेष्ठ सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस वृद्धों के प्रति चुनौतियों व उनसे जुड़े मुद्दों पर नए सिरे से विचार करने का अवसर प्रदान करता है। इनके प्रति समाज के सभी वर्गों को जागरूक करने की जरूरत है। यह महत्त्वपूर्ण है कि बुढापे में देखभाल के लिए संस्थान स्थापित किए जाएं ओर उन्हें मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें आम आदमी के लिए किफायती भी बनाया जाए।सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय की ओर से आयोजित इस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरतमंद वृद्ध व्यक्तियों को संस्थागत देखभाल उपलब्ध करवाने की सुविधाएं पर्याप्त संख्या में स्थापित की जानी चाहिए। एक मचबूत कानून ढांचे को लागू करने से देश में वृद्धजनों की रक्षा, सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। वरिष्ठ नागरिक स्वयं भी अपना जीवन सार्थक बनाने और वे जिस समाज में रह रहे हैं उसे समृद्ध बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
अपने अनुभव व ज्ञान को साझा करके वरिष्ठ नागरिक समाज की बेहतरी में योगदान दे सकते हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित भी किया गया।समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री श्री विजय सांपला ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक जीवंत ज्ञान का भंडार और चलते फिरते पुस्तकालय हैं। हमें इस ज्ञानकोष का लाभ उठाना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि किसी समाज की सफलता के लिए अनुभव व जोश की ही आवश्यकता रहती है। युवा वर्ग के पास जोश है तो वरिष्ठ नागरिक अनुभव का खजाना हैं। युवाओं को इसका लाभ उठाते हुए विकासकार्यों में रत हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुरानी पीढ़ी वर्तमान समाज के बीच सेतु का काम करती है और हमारी परंपराओं, प्राचीन ज्ञान की वाहक है। हमें ज्ञान के इस अमूल्य स्रोत का सम्मान करना सीखना ही होगा। समारोह को केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावर चंद गहलौत ने भी संबोधित किया।