एक दिन के पुलिस कमिश्रर गिरीश शर्मा के ईलाज का जिम्मा पूर्व गृहराज्यमंत्री एवं हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख गोपाल कांडा ने उठाया है। इस मासम गिरीश की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। उसके किडनी ट्रांसप्लांट के लिए धन की व्यवस्था परिजन नहीं कर पा रहे थे। मीडिया में यह मामला प्रमुखता से उठा था जिसके बाद पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा ने इस बच्चे की मदद का ऐलान किया।पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा न कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। जरूरतमंद की मदद करना सबसे पुनीत कार्य है और वे इस बच्चे की हर संभव मदद करेंगे। बच्चे में उपचार में पूरा सहयोग करेंगे। किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जो खर्च लगेगा उसे वे स्वयं खर्च करेंगे। आज 10 वर्षीय गिरीश अपने पिता जगदीश शर्मा व माता बबली के साथ पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा के बुलावे पर गुडगाँव पहुंचा। यहां स्वयं गोपाल कांडा ने उनसे मुलाकात की और परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। श्री बाबा तारा कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने बताया कि श्री बाबा तारा चैरिटेबल ट्रस्ट और मुरलीधर कांडा चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर योगदान दिया जाता है। पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा स्वयं समर्पित होकर जनसेवा के कार्य करते हैं। यही वजह है कि बच्चे का ईलाज का खर्च भी उन्होंने तत्काल देने की घोषणा की।
गौरतलब है कि सिरसा के नोहरिया बाजार की गली कांडा वाली के रहने वाले 10 साल के गिरीश शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा की दोनों किडनी खराब हैं। उसका उपचार राजस्थान में चल रहा है। उपचार के दौरान गिरीश की पुलिस कमिश्रर बनने की ख्वाहिश को संस्था मेक अविश ने पूरा करवाया था। संस्था ने राजस्थान पुलिस के सहयोग से गिरीश को एक दिन का पुलिस कमिश्रर बनवाया था। लेकिन अब ख्वाहिश बीमारी पर फतह पाकर जिंदगी जीने की है। गिरीश का पिता रेहड़ी लगाकर परिवार की गुजर-बसर बमुश्किल चला पाता है। मां-बाप किडनी देने को तैयार हैं लेकिन गरीबी का सितम देखिए, किडनी ट्रांसप्लांट के लिए भी पैसा नहीं है। ईलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा चुके गिरीश के पिता जगदीश रूंधे गले से अपने बेटे को बचाने की अपील लोगों से कर रहे हैं। परिवार की गुहार मीडिया के माध्मय से आमजन तक पहुंची। अब मदद के लिए भी लोग सामने आने लगे हैं। समाचार मिलने के बाद पूर्व गृहराज्यमंत्री गोपाल कांडा ने गिरीश के ईलाज पर खर्च होने वाली पूरी राशि वहन करने का आश्वासन दिया है। कांडा के आश्वासन के बाद अब परिजनों को आस बंधी है कि उनका 10 वर्षीय मासूम पुत्र शीघ्र ही स्वस्थ हो जाएगा।