हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज यहां प्रदेश की भाजपा सरकार को आगाह किया कि वह हर बात पर अपनी विफलताओं को ठिकरा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर फोडऩा बंद करें। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि यूरिया खाद की कमी के मामले में पूर्व कांग्रेस सरकार पर दोषारोपण एकदम आधारहीन एवं तथ्यों से परे है। पिछले साल के मुकाबले स्टाक की कमी वर्तमान सीजन में मचे हा-हाकार का कारण नहीं है। सच्चाई यह है कि अक्टूबर महिने की 1 लाख 30 हजार मिट्रिक टन यूरिया की आवक पिछली कांग्रेस सरकार के प्रयत्नों से पूरी रही। जबकि खट्टर सरकार सत्ता में आते ही जश्न में डूब गई और उसके मंत्रियों की महत्वाकांक्षाएं टकराती रही। जिस कारण न तो सरकार और ना ही प्रशासन किसानों की जरूरतों को देख पाया।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि नवम्बर माह में जहां यूरिया की आवक 2 लाख 65 हजार मिट्रिक टन होनी चाहिए थी, वहां केवल 1 लाख 90 हजार मिट्रिक टन हो पाई। नवम्बर माह में 75 हजार मिट्रिक टन की यूरिया की कमी का घाटा दिसम्बर में अभी तक भी पूरा नहीं हो पाया है। दिसम्बर माह के 3 लाख 30 हजार मिट्रिक टन कोटे में से 17 दिसम्बर तक 11 हजार मिट्रिक टन यूरिया प्रतिदिन आती तो अब तक 1 लाख 87 हजार मिट्रिक टन खाद हरियाणा को मिलनी चाहिए थी। जबकि 17 दिसम्बर तक केवल 1 लाख 40 हजार मिट्रिक टन यूरिया की ही आवक हुई। दिसम्बर के पीक सीजन में भी 47 हजार मिट्रिक टन की कम सप्लाई हुई है। नवम्बर माह की 75 हजार मिट्रिक टन यूरिया और 17 दिसम्बर तक 47 हजार मिट्रिक टन जो कुल मिलाकर 1 लाख 22 हजार मिट्रिक टन (यानि 26 लाख बैग) बनते हैं। अगर समय पर यह सप्लाई होती तो हरियाणा में खाद का यह संकट नहीं खड़ा होता।
हुड्डा ने कहा कि खाद की कमी के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराना भी गलत है। सरकार कह रही है कि किसान स्टाक कर रहे हैं यह गुमराह करने वाली बात है। असल कारण नवम्बर व दिसम्बर माह में 26 लाख बैग यूरिया का कम आना है। इससे ये साफ झलकता है कि भाजपा नेताओं और मंत्रियों की इस मामले पर बयानबाजी कोरी झूठ है और अपनी विफलता पर पर्दा डालने की कोशिश है। हुड्डा कहा कि अगर केंद्रीय उर्वरक मंत्री अनंत कुमार के बयान पर भी विश्वास करें तो दिसम्बर के आखिरी 13 दिनों में प्रतिदिन 15 हजार मिट्रिक टन की आवक के बाद भी हरियाणा की कुल सप्लाई दिसम्बर माह में 3 लाख 35 हजार मिट्रिक टन होगी तो नवम्बर के 75 हजार मिट्रिक टन की कम की गई सप्लाई को कब पूरा किया जाएगा। इसका खुलासा भी तो खट्टर सरकार को करना चाहिए। पूर्व सीएम हुड्डा ने किसानों के हालात पर चिंता जताई और कहा कि किसान पहले से ही भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण फसलों के भावों के मामले में मार खा चुका है। यदि भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण समय पर डीएपी और अब यूरिया खाद नहीं मिलती है तो किसानों की फसलों को नुकसान की भरपाई मुश्किल हो जाएगी। सरकार को चाहिए कि वो फिर से केंद्र सरकार से संपर्क कर यूरिया खाद की सप्लाई में तेजी लाए।