प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण को आम तौर पर किसानों द्वारा मजबूत प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा है। हालांकि, कुछ मामलों में, जिनमें पंजाब राज्य के कुछ मामले भी शामिल हैं, मुआवजे में वृद्धि के लिए किसानों द्वारा विरोध की सूचना मिली है। यह खुलासा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने हाल ही में संपन्न राज्यसभा के मानसून सत्र में लुधियाना से सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में किया है।
अरोड़ा ने पूछा था कि क्या यह सच है कि प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण पंजाब सहित देश भर में लटका हुआ है, क्योंकि अधिग्रहण के तहत उनकी भूमि के लिए कम मुआवजे के कारण किसानों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। इसके अलावा, अरोड़ा ने यह भी पूछा था कि क्या मुआवजा बढ़ाने और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, खासकर पंजाब के लिए लंबित भूमि अधिग्रहण कार्यवाही को पूरा करने को सुनिश्चित करने की कोई योजना है।
अरोड़ा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि मंत्री ने अपने जवाब में आगे कहा कि यद्यपि राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि का अधिग्रहण नेशनल हाईवेज़ एक्ट, 1956 के प्रावधानों के तहत किया जाता है, भूमि का मुआवजा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार तय किया जाता है, जो कि भूमि के निर्धारित बाजार मूल्य का 2 से 4 गुना है।
इसी बीच अरोड़ा ने कहा कि फिर भी यदि किसान/भूमि मालिक संतुष्ट नहीं हैं तो वे मध्यस्थता के लिए आगे बढ़ सकते हैं जो डिविज़नल कमिश्नर द्वारा किया जाता है। उनका आदेश अंतिम और एनएचएआई पर बाध्यकारी है। उन्होंने कहा कि उच्च अदालतों के आदेश के अनुसार किसान/जमींदार भूमि अधिग्रहण देने से इनकार नहीं कर सकते।
अरोड़ा ने कहा कि इस संबंध में व्यापक जागरूकता पैदा करने की सख्त जरूरत है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए जमीन का अधिग्रहण संबंधित भूमि मालिकों या किसानों को उचित मुआवजा देने के बाद किया जाता है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह के भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हैं उन्हें राष्ट्रीय राजमार्गों के महत्व को समझना चाहिए जो देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग माल और यात्रियों की कुशल आवाजाही को सक्षम बनाते हैं और बाजार तक पहुंच में सुधार करते हैं।