स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को दूरदर्शी और ईमानदार व्यक्ति करार देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री राज्य के पूर्ण विकास के लिए पूरी तनदेही और सौहर्दयता के साथ अपनी वचनबद्धता निभा रहे हैं। स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि अमन-कानून, औद्योगीकरण, लॉजिस्टिकस, एडवेंचर टूरिज्म़ कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं, जिन पर मौजूदा सरकार का ध्यान विशेष तौर पर केंद्रित है।
5वें प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन-2023 के पहले दिन यहाँ इंडियन स्कूल आफ बिजऩस में यूनाइटेड किंगडम-पार्टनर कंट्री सैशन की अध्यक्षता करते हुये मंत्री ने यू. के. में बसते प्रवासी पंजाबी भाईचारे को अपनी जड़ों की तरफ मोडऩे और राज्य में निवेश करने का न्योता दिया, क्योंकि मौजूदा दौर में पंजाब में कारोबार करने के लिए सबसे अधिक अनुकूल माहौल उपलब्ध है। डॉ. निज्जर ने कहा कि नहरों के पानी को उद्योगों और यहाँ तक कि शहरों में लाने के लिए एक नयी नीति लाई जा रही है। इसके इलावा 20 ग्रामीण औद्योगिक पार्क पहले ही हमारे पास मौजूद हैं जो स्थानीय लोगों को रोजग़ार के मौके उपलब्ध करवाते हैं। डॉ. निज्जर ने आगे कहा कि यू. के. और पंजाब सरकार के लिए यह हिस्सेदारी बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।
यूके-भारत संबंधों को पंजाब पर केंद्रित करने पर ज़ोर देते हुए भारत में यू. के हाई कमीशन के डिप्टी हाई कमिशनर, कैरोलिन रोवेट ने नवीन शिक्षा, वाणिज्य और निवेश, जलवायु परिवर्तन और स्टार्ट-अप्पस को दोनों देश के आपसी संबंधों को नयी राह पर डालने वाले प्रमुख क्षेत्रों के तौर पर सूचीबद्ध किया। यूके में 1.7 मिलियन भारतीय भाईचारे, जिनमें से आधे पंजाबी हैं, के योगदान की सराहना करते हुए डिप्टी हाई कमिशनर ने चंडीगढ़ से बर्मिंघम और लंदन के लिए उड़ानें शुरू करने के इलावा प्राइमरी और सेकंडरी स्कूल स्तर पर सहयोग का भी भरोसा दिया। डिप्टी हाई कमिशनर ने आगे कहा, ‘‘आई. टी., आतिथ्य और सेहत क्षेत्रों में महारत रखने वाली चंडीगढ़ की कंपनियों ने भी यू. के. में भारी निवेश किया है।’’
यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉड्जऱ् के मैंबर लॉर्ड दिलजीत राणा ने अपने संबोधन में बताया कि उत्तरी आइरलैंड की 40 कंपनियों ने भारत में निवेश किया है, इसलिए मुख्यमंत्री पंजाब को व्यापार और कारोबार के मौकों की खोज के लिए एक प्रतिनिधिमंडल वहाँ भेजना चाहिए। सबसे पहले व्यापारिक सम्बन्ध बनाने को एक मज़बूत पक्ष बताते हुये लार्ड राणा ने कहा कि माइनिंग के इलावा इंजीनियरिंग, कृषि, फूड प्रोसेसिंग और मैडीकल डायगनौस्टिकस ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनका पंजाब और यूके दोनों को अच्छा लाभ हो सकता है।
इससे पहले प्रवासी भारतीय मामले, पंजाब के प्रमुख सचिव जे. एम. बालामुरूगन ने भारत-यूके संबंधों पर चर्चा करते हुए कहा कि दोनों के बीच सम्बन्ध ऐतिहासिक हैं क्योंकि पंजाबी भाईचारा संख्या पक्ष से कैनेडा के बाद यू. के. में दूसरे नंबर पर है और यू. के जी.डी.पी. में इसका 6 फीसद योगदान है। उन्होंने आगे बताया कि यूके भारत में 6वां सबसे बड़ा निवेशक है जिसकी देश में 600 कंपनियाँ काम कर रही हैं।
इस मौके पर रॉकपेकर लिमटिड के एम. डी. रजनीश धवन, सीईओ (इंडिया) जेनसस एबीएस डा. राहुल गुप्ता, इनक्यूब के सह-संस्थापक त्रिदिवेश बन्दोपाध्याय, कैपिटल टीम के निवेश लीड सुमेश गिरहोत्रा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बिकल राज संधू, ईबडो एनर्जी सिस्टम यूके मैनेजिंग डायरैक्टर प्रो. गुरविन्दर विर्क और वीज़ा स्कीम के यंग प्रोफेशनल बैन पगसले ने भी अपने तजुर्बे सांझा किये।
इस मौके पर स्थानीय निकाय मंत्री ने डिप्टी हाई कमिशनर कैरोलिन रोवेट का सम्मान भी किया।