भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सूरीनाम की नेशनल असेंबली के सदस्यों को संबोधित किया। बिरला लोक सभा के पहले अध्यक्ष हैं जिन्होंने सूरीनाम की नेशनल असेंबली को संबोधित किया है। बिरला ने सूरीनाम की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष मारिनस बी से मुलाकात भी की।
वहीं लोक सभा सचिवालय और सूरीनाम गणराज्य की नेशनल असेंबली के बीच सूचना के आदान-प्रदान और संसदीय अभिलेखागार, संसदीय दस्तावेजों आदि तक बेहतर पहुंच के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान लोक सभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि, इस समझौता ज्ञापन से भारत और सूरीनाम और दोनों देशों की संसदों के बीच घनिष्ठ संबंधों को प्रोत्साहित करने तथा दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को और मजबूत करने के लिए संसदीय साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ ही सामान के मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और सूरीनाम मानक ब्यूरो के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, इससे सूरीनाम में गुणवत्ता आश्वासन और उपभोक्ता सशक्तिकरण में मदद मिलेगा। इस दौरान बिरला ने कहा कि, संसद लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है और लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने में अग्रणी भूमिका निभाती है।
भारत की संसद में जनकल्याण से संबंधित मुद्दों पर वाद-विवाद और चर्चा को प्रोत्साहित किया जाता है। दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सदस्यों के बीच रचनात्मक वाद-विवाद और चर्चाओं से ही प्रभावी कानून बनते हैं। बिरला ने भारत और सूरीनाम के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि, दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं। यदि भारत और सूरीनाम मिलकर काम करें, तो वे दुनिया में लोकतंत्र को एक नई दिशा दे सकते हैं।