Commonwealth Games का आज चौथा दिन है। England के Birmingham में चल रहे 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय वेटलिफ्टर Achinta Sheuli ने कुल 313 किलोग्राम भार उठाकर गोल्ड मेडल जीतकर देशवासियों को गौरवान्वित होने का मौका दिया।
Birmingham में बार फिर भारत का राष्ट्रीय ज्ञान गूंजा। इसी के साथ उनके लिए बधाइयों और शुभकामनाओं की झड़ी लग गई। Achinta Sheuli ने ये गोल्ड मेडल मां और देश के नाम समर्पित किया है।
अंचिता शेउली को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) तक ने बधाई और शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi-Murmu) ने ट्विटर पर बधाई संदेश में लिखा, ''अंचिता शेउली ने गोल्ड मेडल जीतते हुए और राष्ट्रमंडल खेलों में तिरंगे को ऊंचा करते हुए भारत को गौरवान्वित किया है। आप अपने एक प्रयास में नाकामी से तुरंत ही उबर कर शीर्ष पर रहे। आप वह चैंपियन हैं जिसने इतिहास रचा है। हार्दिक बधाई!
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प्रधानमंत्री मोदी ने शेउली के प्रदर्शन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इस उपलब्धि के लिए कड़ी मेहनत की थी। मोदी ने कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय दल के रवाना होने से पहले शेउली के साथ अपनी बातचीत की एक क्लिप भी ट्वीट की। उन्होंने कहा, हमने उनकी मां और भाई से मिले समर्थन पर चर्चा की थी। अब वह पदक जीत चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि अब उन्हें यह क्लिप देखने का समय मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, खुशी है कि प्रतिभाशाली अचिंता शुली ने राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता है। वह अपने शांत स्वभाव और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इस विशेष उपलब्धि के लिए बहुत मेहनत की है। उन्हें भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए मेरी शुभकामनाएं।
वहीं, गोल्ड मेडल जीतने वाले Achinta Sheuli ने भी अपनी खुशी जाहिर की है। शेउली ने कहा। मुझे बहुत खुशी है। मैनें बहुत संघर्ष किया है। मुझे आगे भी मेडल जीतना। मेरी अगली तैयारी ओलंपिक के लिए है। बता दें कि शेउली ने पुरुषों के 73 किग्रा भार वर्ग में नये रिकॉर्ड के साथ देश को तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया। पूरे देश को उनपर गर्व है।
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शुरुआत में Achinta Sheuli आसान एक्सरसाइज करते थे, लेकिन बाद में वह लिफ्टिंग करने लगे। अचिंता का जुनून और अनुशासन घर की परिस्थितियों से प्रभावित था। परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उनके पिता मजदूरी का काम करते थे। 2013 में अपने पिता की मौत के बाद उनके भाई आलोक ने वेटलिफ्टिंग छोड़ दी। उनकी मां ने घर को व्यवस्थित रखने के लिए सिलाई और अन्य काम किया। अचिंता अपने जुनून के साथ डटे रहे और चुपचाप अपने लिफ्टिंग पर ध्यान देते रहे।