18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। चुनाव के लिए उम्मीदवार 29 जून तक अपना नामांकन कर सकते हैं। इसी बीच राष्ट्रपति पद के लिए अपने नाम की उम्मीदवारी को लेकर फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से साफ मना कर दिया है। उन्होंने विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से अपना नाम वापस ले लिया है और कहा है कि अभी वे जम्मू-कश्मीर को नेविगेट करने में अपना योगदान देना चाहते हैं। कश्मीर को उनकी जरूरत है।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा- मेरा मानना है कि जम्मू और कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है। 370 हटने के बाद यहां हालात अच्छे नहीं है, अब चुनाव की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं तो मेरा यहां होना जरूरी है। इसलिए मैं सम्मानपूर्वक अपना नाम वापस लेना चाहता हूं। मेरे आगे बहुत अधिक सक्रिय राजनीति है और मैं जम्मू-कश्मीर और देश की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तत्पर हूं। मेरा नाम प्रस्तावित करने के लिए मैं ममता दीदी का आभारी हूं। मैं उन सभी वरिष्ठ नेताओं का भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Mamata Banerjee की ओर से विपक्षी पार्टियों की बुलाई गई बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया Sharad Pawar या फिर फारूक अब्दुल्ला के नामों को एक विकल्प के तौर पर रखा गया था, लेकिन दोनों नेताओं ने अपना नाम वापस ले लिया है। शरद पवार पहले ही अपना नाम वापस ले चुके हैं। अब पेंच फंस चुका है और दीदी के लिए एक टेंशन हो गई है। विपक्षी दलों की 15 जून को हुई इस बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की तरफ से महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी के नाम का भी प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है। खबर है कि विपक्ष इस बारे में विचार करने के लिए एक और मीटिंग करेगा।