रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बड़ी घोषणा की है, सेना भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। भारतीय सरकार द्वारा अग्निपथ भर्ती योजना को लॉन्च किया गया है। इस योजना की जानकारी देते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- अब सेना में 4 साल के लिए अग्निवीरों यानी युवाओं की भर्ती की जाएगी। सरकार की ओर से यह कदम सेना की औसत उम्र कम करने के मकसद से उठाया गया है। क्योंकि इस समय सेना की औसत उम्र 32 साल है, जिसे अगले कुछ सालों में 26 साल करने का कोशिश की जा रही है।
अग्निपथ भर्ती योजना के तहत युवा 4 साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होंगे और देश की सेवा करेंगे। चार साल के अंत में लगभग 75 फीसदी सैनिकों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाएगा और उन्हें आगे के रोजगार के अवसरों के लिए सशस्त्र बलों से सहायता मिलेगी। केवल 25 फीसदी जवानों को चार साल बाद भी मौका मिलेगा। हालांकि यह तभी संभव होगा जब उस समय सेना की भर्तियां निकली हों। योजना के तहत सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। युवाओं को नई तकनीकों के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी।
इतनी मिलेगी सैलरी
साल सैलरी कैश इन हैंड
पहली साल 30000 21000
दूसरी साल 33000 23100
तीसरी साल 36000 25580
चौथी साल 40000 28000
4 साल की नौकरी के बाद मिलेंगे 11.71
4 साल की नौकरी छोड़ने के बाद युवाओं को सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा। जो 11.71 लाख रुपए होगा। योजना के तहत इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। सैलरी से कटने वाला पैसा अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जमा होगा। जितना पैसा अग्निवीर के वेतन से कटेगा, उतनी ही राशि सरकार भी अग्निवीर कॉर्प्स फंड में डालेगी, जो चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीर को ब्याज सहित वापस मिलेगा। यह राशि करीब 11.71 लाख रुपये होगी। अपने पाठकों की जानकारी के लिए बता दें कि अग्निवीर ग्रेच्युटी और पेंशन संबंधी लाभों के हकदार नहीं होंगे लेकिन अग्निवीरों को भारतीय सशस्त्र बलों में उनकी अवधि के लिए 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।
ट्रेनिंग के बाद मिलेगा सर्टिफिकेट
देश सेवा की इस अवधि के दौरान, अग्निवीरों को विभिन्न सैन्य कौशल और अनुभव, अनुशासन, फिजिकल फिटनेस, टीम लीडिंग और देशप्रेम की ट्रेनिंग दी जाएगी। 4 साल के इस कार्यकाल के बाद, अग्निवीरों को नागरिक समाज में शामिल किया जाएगा जहां वे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में योगदान दे सकते हैं। अंत में हर एक अग्निवीर को एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा।