नवनीत राणा दिल्ली में है। उन्होंने फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ राजधानी में ही मोर्चा खो दिया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा- मैंने हनुमान चालीसा का पाठ करने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि क्योंकिमहाराष्ट्र गहरे खतरे का सामना कर रहा है। जब भी कोई बड़ा खतरा होता है, हनुमान चालीसा और संकटमोचन को ही याद किया जाता है।नवनीत यहीं नहीं रुकी उन्होंने उद्धव सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के इशारे पर मुझे हिरासत में लिया गया।
अगर बालासाहेब ठाकरे होते, तो ऐसा कभी नहीं होता। लेकिन अब यहां उद्धव ठाकरे हैं। जो एक महिला से डरते हैं। उद्धव ठाकरे दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम इस्तेमाल कर ही सत्ता में आए हैं। रवि राणा ने कहा, वोट हासिल हो जाने के बाद उन्होंने BJP की पीठ में छुरा घोंप दिया। उन्होंने बालासाहेब को भी पीठ में छुरा घोंपा। उन्हें अपने नाम पर सत्ता में आने की कोशिश करने दीजिए। रामभक्त और हनुमानभक्त उन्हें असलियत दिखा देंगे।
उद्धव ठाकरे को दी थी चुनौती-
नवनीत राणा ने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा कि अगर दम है तो जनता के सामने चुनाव लड़कर दिखाएं। उद्धव जहां से चाहें, मेरे खिलाफ चुनाव लड़कर दिखाएं। मैं उनको चेतावनी देती हूं, मैं आपके सामने खड़े रहकर चुनाव लड़कर दिखाउंगी। उद्धव सरकार ने जो अत्याचार किए हैं, उसकी सजा जनता इन्हें जरूर देंगी। जनता बताएगी कि हनुमान और राम का विरोध करने वालों के साथ जनता क्या करती है। जिस तरह से मुझपर कार्रवाई हुई एक लोकप्रतिनिध पर और महाराष्ट्र की बेटी पर, उस पर सभी को अफसोस है। मुझे जिस तरीके का आर्डर कोर्ट ने दिया है, उसका सम्मान करती हूं, उस पर कुछ नहीं कहूंगी।
मुझे चटाई तक नहीं दी-
नवनीत ने लॉकअप और जेल में उनके साथ हुए व्यवहार पर बताया कि मुझे इतना पता है कि लॉकअप में एक महिला को चटाई तक नहीं दी गई। मुझे खड़ा रखा गया। इस कारण तबियत पर प्रभाव पड़ा। स्पॉन्डिलाइटिस का दर्द शुरू हो गया। इसलिए मुझे जमानत के बाद घर के बजाए अस्पताल जाना पड़ा। मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
क्या है पूरा मामला-
नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को 23 अप्रैल को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों की गिरफ्तारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के विवाद में हुई थी। तब से राणा दंपती न्यायिक हिरासत में थे और हाईकोर्ट उनकी जमानत याचिका को खारिज कर चुका था। राणा दम्पति ने शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। राणा दम्पति के इस ऐलान के बाद शनिवार को सुबह से ही उनके घर के बाहर भारी संख्या में शिवसैनिक जुट गए थे। उन्होंने दिनभर राणे दंपत्ति के घर के बाहर हंगामा किया। शिवसैनिकों ने राणे दम्पति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में शिवसैनिकों ने कहा था कि उनके लिए मातोश्री मंदिर की तरह है। इसके बाद नवनीत राणा और उनके पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।