पंजाब के शिक्षा और भाषाएं मंत्री स. परगट सिंह ने आज यहाँ ऐलान किया कि पंजाब सरकार राज्य भाषा कमिश्न बनाने और लाईब्रेरी एक्ट लागू करने के लिए पूरी तनदेही के साथ काम कर रही है और इन दोनों कामों को जल्द अमली जामा पहनाने के लिए प्रयत्न बडे स्तर पर जारी है।स्थानीय लायलपुर खालसा कालेज में पंजाब लोक मंच और पंजाब जागृति मंच की तरफ से पंजाबी भाषा को और बेहतर करने के लिए रखे समागम दौरान संबोधन करते हुए परगट सिंह ने भरोसा दिया कि आने वाले दिनों में इन दोनों अहम कामों को पूरा किया जाएगा। पंजाब लोक मंच और पंजाब जागृति मंच की तरफ से सांझे तौर पर दिए लाईब्रेरी एक्ट के प्रस्ताव सम्बन्धित उन्होंने कहा कि यह एक्ट बनाने के लिए अलग -अलग साहित्यकारों, लेखकों, बुद्धिजीवियों और अन्य सम्बन्धित के कीमती विचार लिए जा रहे है और इस प्रस्ताव में महत्वपूर्ण तथ्यों और विचारों को एक्ट में जरूर शामिल किया जाएगा ,जिससे यह एक्ट बहुत ही कारगर बनाया जा सके।शिक्षा को असली विकास बताते हुए स. परगट सिंह ने कहा कि पूरे समाज, राज्य और देश का विकास बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा पर निर्भर करता है और शिक्षा प्रणाली यकीनी बनाने के साथ-साथ मानक शिक्षा प्रदान करवाने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को अपना बनता योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब अलग -अलग गंभीर चुणौतियों का सामना कर रहा है, जिनको हल करने में शिक्षा का अहम रोल है। उन्होंने कहा हमें सभी को अपनी भाषा, शिक्षा प्रणाली, सभ्याचार की मज़बूती के लिए ज़ोरदार सांझे प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से 10वीं कक्षा तक सभी स्कूलों में पंजाबी पढाना जरूरी करना पंजाबी मातृभाषा को और प्रफुल्लित करने की तरफ एक बड़ा कदम है और इसकी उल्लंघना करने वाले स्कूलों को जुर्माने की भी व्यवस्था की गई है, जिससे इस कानून का उल्लंघन न हो सके।
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य भाषा एक्ट बनाने के साथ सभी सरकारी अधिकारी /कर्मचारी सारा दफ़्तरी काम पंजाबी भाषा में करेंगे और ऐसा न होने की पर भाषा विभाग की सिफ़ारशों पर बनता जुर्माना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पंजाबी मातृभाषा को और फैलाने और बेहतरी के लिए पूरी वचनबद्ध है और हर अपेक्षित कदम उठाया जा रहा है।समागम दौरान मंत्री का ‘पंजाब का मान ’ अवार्ड के साथ सम्मान करने के लिए परगट सिंह ने कहा कि ऐसा मान -सम्मान मिलने से हमारी ज़िम्मेदारी और बढ जाती है और मातृभाषा और राज्य की शिक्षा की सेवा के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी। दोनों संस्थानों की तरफ से परगट सिंह का अवार्ड, सम्मान चिह्न, लोई और एक लाख रुपए के साथ सम्मान किया गया। कैबिनेट मंत्री ने मौके पर ही दो लाख रुपए की अनुदान संस्था को देने का ऐलान करते हुए एक लाख रुपए भी संस्था को वापस देते हुए पंजाबी मातृभाषा की सेवा के लिए और प्रयास करने का न्योता दिया।पंजाबी के विश्व प्रसिद्ध नामवर लेखक सुरजीत पात्र ने भी अपने संबोधन में पंजाब सरकार की तरफ से पंजाबी भाषा के विकास और विस्तार के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की। सुरजीत पात्र को अपनी आवाज़ पुरुस्कार 2021 के साथ सम्मानित किया गया। कवयित्री सुरिन्दर गिल जैपाल को कावी लोक पुरुस्कार 2020 के साथ सम्मानित किया गया जबकि ज़िला भाषा अधिकारियों को मातृ भाषा सेवा पुरस्कार दिए गए।पंजाब जागृति मंच के प्रधान सतनाम मानक ने अपने संबोधन में पुस्तकालय एक्ट की माँग रखते हुए कहा कि इसके लागू के होने साथ ज़िला और तहसील स्तर पर लाईब्रेरी स्थापित होंगी ,जिससे पंजाबी मातृभाषा के और प्रफुल्लित होने साथ-साथ साहित्यकारों /लेखकों की किताबें भी निचले स्तर तक पहुँच सकेगी।इससे पहले लायलपुर खालसा कालेज के प्रिंसीपल डा: गुरपिन्दर सिंह समरा ने आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया। दोनों संस्थानों की तरफ से नामी सख्शियतों के साथ-साथ अलग जिलों के भाषा अधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर चेयरमैन लोक मंच पंजाब लखविन्दर सिंह जौहल, प्रधान लोक मंच पंजाब सुरिन्दर सिंह सुन्नड़, डा: कमलेश दुग्गल, प्रो: गोपाल सिंह बुट्टर और सचिव दीपक शरमा चनारथल, आदि गणमन्य उपस्थित थे।