मोटापा को किसी भी तरह से हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह कहना है प्रसिद्ध बैरिएट्रिक एंड मेटोबोलिक सर्जरी स्पेशलिस्ट डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू का। आज चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डाक्टर डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने बताया कि मोटापा एक बहुत ही जटिल बीमारी है और यह व्यक्ति के मानसिक, शारीरिक व समाजिक आर्थिक तौर तरीकों को प्रभावित करती हैं। मोटे लोगों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पडता है यहां तक कि उनकी घरेलु जिदंगी में भी उसका असर होता है और तलाक तक की नौबत आ जाती है।मोटापा व टाइप-2 डायबिटीज बीमारी लगातार बढ़ रही है। पूरी दुनिया में मोटापा सबसे ज्यादा होने वाली मेटाबोलिक बीमारी के रूप में उभर कर सामने आया है और इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में किये गए एक अध्ययन में मॉर्बिड ओबेसिटी को 13 प्रकार के कैंसर रोग से भी जोड़ा गया है । हालांकि भारत ने ऐतिहासिक रूप से कुपोषण से लड़ाई लड़ी है, लेकिन पिछले दस वर्षों में देश में मोटे लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है - और यह प्रवृत्ति शहरी क्षेत्रों में स्पष्ट है। पंजाब में, लगभग एक तिहाई से अधिक आबादी मोटापे से ग्रस्त है - और यह अनुपात महिलाओं में अधिक है, जिनमें से आश्चर्यजनक रूप से 37% मोटापे से ग्रस्त हैं! भारत में लगभग 13.5 करोड़ से अधिक लोग मोटापे से पीड़ित हैं, जिसे केवल चीन और अमेरिका ने पीछे छोड़ दिया है।
मोटे लोगों के लिए कई तरह की बीमारियों का रिस्क रहता है जिसमें टाइप-2 डायबिटीक मेलिटस, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, हायपरटेंशन, डिसलिपिडीमिया, रेस्पिरेट्री डिसीसेज, ओस्टियो आर्थारिटीज व मानसिक अवसाद जैसी बीमारियां शामिल हैं । कई तरह के शोधों से यह साबित होता है कि मोटापा व डायबिटीज मे गहरा रिश्ता है। उन लोगों में डायबिटीज बीमारी का खतरा ज्यादा हो जाता है जिनका बीएमआई 25 से ज्यादा होता है। कई तरह के शोधों से यह जाहिर होता है कि मध्यम उम्र के उन भारतीय लोगों में जिनका बीएमआई 23 से ज्यादा है उनमें टाइप टू डायबिटीज होने का ज्यादा खतरा होता है।डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू का कहना है कि पंजाब में मोटापा समस्या का प्रमुख कारण आरामदायक जीवन शैली व सामाजिक आदतें जिनमें लोग बगैर नियंत्रण के खाते हैं। लोगों में जंक फूड को खाने या फिर बूफे सिस्टम में ज्यादा खाने से यह समस्या होती है। यदि इस खाने के साथ शराब का सेवन भी किया जाता है तो यह बहुत बडी समस्या पैदा कर सकता है। यह बीमारी वंशानुगत भी हो सकती है इसलिए ऐसे लोगों को अपनी जीवन शैली व खान पानी के तरीकों को बदलने के लिए हमेशा ही तत्पर रहना चाहिए। मोटापा बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है। आज की जीवन शैली में बच्चे दिन भर मोबाइल या फिर लैपटाप पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं ऐसे में यह मोटापा को बढाता है। इससे न सिर्फ मोटापा का रिस्क पैदा होता है बल्कि विटामिन डी की भी कमी होती है। जो कि मोटापा या फिर डायबिटीज दोनों में ही रिस्क फैक्टर हैं।
टाइप २ डायबिटीज के मरीजो के बारे में बातचीत करते हुए डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने बताया गत समय दौरान जारी अंतर्राष्ट्रीय हिदायतों के अनुसार भी मेटाबोलिक सर्जरी को टाइप २ डायबिटीज के मरीजो के लिए पहला इलाज बताया गया है। डायबिटीज और मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो मेटाबोलिक सर्जरी के जरिेए ठीक किया जा सकता है। सरकार भी इसको रोकने में मदद कर रही है। इसे रोकने के लिए फिट इंडिया मूवमेंट, नेशनल मानीटरिंग फ्रेमवर्क, आयुष्मान भारत आदि कार्यक्रमों को शुरु किया गया है। डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने कहा कि मोटापा की बीमारी के इलाज में इंश्योरेंस कवरेज एक अहम कडी है।डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू का कहना है कि उनका अनुभव रहा है कि वित्तीय समस्या के कारण ज्यादातर मरीज मोटापे का इलाज करने से परहेज करते हैं। लेकिन यह समझना चाहिए मोटापा एक गंभीर मेडिकल कंडीशन हैं। इसका इलाज इंश्योरेंस के जरिए करने से निश्चित रूप से ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा होगा और वे इलाज के लिए सामने आएंगे।डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने कहा कि मोटापे के रोगियों में मेटाबोलिक सर्जरी से मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गठिया और कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। गैर-मोटापे के रोगियों में मधुमेह के उपचार के लिए भी मेटाबोलिक सर्जरी इलाज करने का एक प्रभावी तरीका है। डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने यह भी कहा कि सर्जरी लेप्रोस्कोपिक रूप से की जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस प्रकार की सर्जरी में कम जटिलताएं होती हैं और रोगियों को ठीक होने में बहुत कम समय लगता है और सर्जरी के उपरांत मरीज़ अपनी दिनचर्या में बेहतर महसूस करते हैं और बेहतर पारिवारिक, सामाजिक और कामकाजी जीवन जीते हैं।डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू ने इस मौके पर अपने कुछ रोगियों के अनुभवों को भी साझा किया, जो मधुमेह के उपचार के लिए मेटाबोलिक सर्जरी से गुजर चुके हैं।डॉ गुरविंदर सिंह जम्मू , जम्मू हॉस्पिटल जालंधर के डायरेक्टर और हेड डिपार्टमेंट ऑफ सर्जरी हैं और जल्द ही चंडीगढ़ में भी अपॉइन्ट्मन्ट के आधार पर औ पी डी शुरू करेंगे