शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी से कहा है कि वे कपास उत्पादको को दिए गए अल्प मुआवजे की समीक्षा करें, जिनकी पूरी फसल हाल ही में गुलाबी सुंडी से तबाह हो गई थी, यहां तक कि उन्होने मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए कहा कि वह कांग्रेस के शीर्ष पैनल में 1984 कत्लेआम के अपराधी जगदीश टाइटलर की नियुक्ति के खिलाफ विरोध दर्ज कराने में विफल रहे हैं।यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को धोखा दिया है और उनमें से ज्यादातर को केवल आंशिक मुआवजा दे रही है, भले ही उनकी कपास की फसल पूरी तरह से कीटों के हमले से पूरी तरह तबाह हो गई हो। ‘‘ किसान को 50हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार 35 फीसदी फसल क्षति के लिए केवल 2000 रूपये और 75 फीसदी क्षतिग्रस्त फसल के लए केवल 5400 रूपये प्रति एकड़ का तुच्छ मुआवजा दे रही है। सरकारी सूत्र भी इसे सीमित करने का प्रयास कर यह बता रहे हैं कि कपास की फसल केवल आशिंक तबाही हुई है। इसका प्रभावी अर्थ यह है कि 100 फीसदी फसल क्षति के लिए 12हजार रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा भी किसानों को उपलब्ध नही होगा’’।उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कपास किसानों को ही नही, कपास की फसल की तबाही से प्रभावित खेत मजदूरों के भी पीठ में छूरा घोपा है। ‘‘ सरकार ने खेत मजदूरों को कुल मुआवजा का दस फीसदी की पेशकश करके धोखाधड़ी की है। इस मुआवजे को वितरण करने के लिए कोई काम नही किया गया है। हम खेत मजदूरों के साथ किए गए इस अन्याय को अस्वीकार करते हैं, और मांग करते हैं कि उन्हे 15 हजार रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया जाए’’।
कांग्रेस के एक शीर्ष पैनल में जगदीश टाइटलर की नियुक्ति के बारे में बोलते हुए सरदार बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कत्लेआम के अपराधी को इसमें नियुक्ति कर पंजाबियों की भावनाओं को ठेस पहंचाई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस पूरे प्रकरण में श्री चरनजीत चन्नी की भूमिका के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ इस कदम के बारे कोई स्पष्टीकरण जारी करने यां कड़ा विरोध दर्ज कराने से इंकार कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री को इस तरह से नही करना चाहिए। पंजाबी यह अपमान हरगिज बर्दाश्त नही करेंगें ’’। उन्होने प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू और गृहमंत्री की भी निंदा करते हुए कहा कि उन्होने गांधी परिवार की चमचागिरी करने और टाइटलर को दिए गए पद के खिलाफ औपचारिक विरोध करने की भी हिम्मत नही दिखाई।अकाली दल अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से फोटो सैशन में लिप्त रहने को छोड़कर लोगों की भलाई के लिए काम करने को कहा। ‘‘ आपके पास दो महीनें हैं आपको लोगों की तकलीफों को कम करने तथा अपनी पार्टी द्वारा किए गए वादों को लागू करना चाहिए। ऐसा करने के बजाय, आप पूरी तरह से चालबाजियों में लिप्त हैं। सरदार बादल ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे किसानों की तकलीफों को कम करने के लिए हस्तक्षेप करें। उन्होने कहा कि चन्नी को डीजल पर राज्य वैट को भी आधा करना चाहिए, डीएपी उर्वरक की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए और इसकी कालाबाजारी को समाप्त करना चाहिए।
उन्होने कहा कि ऐसा करने के बजाय नए मुख्यमंत्री अपना पूरा समय खनन विभागों को समर्पित कर रहे हैं और शराब और खनन माफिया की मांगों के अनुसार काम कर रहे हैं।इससे पहले सरदार सुखबीर सिंह बादल ने इस विधानसभा हलके से पार्टी उम्मीदवार रंजीत सिंह गिल और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा के साथ मुल्लांपुर के मार्बल मार्केट तक विशाल रोड शो में भाग लिया। लोग हजारों की संख्या में आकर अकाली दल का समर्थन किया और भ्रष्ट घोटाले ग्रस्त और जनविरोधी कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपना अविश्वास दर्ज कराया। उन्होने खरड़ में अलग अलग वर्गों के लोगों से बातचीत की। उन्होने कहा कि यह हैरानी की बात है कि राजधानी चंडीगढ़ के इतने करीब होने के बावजूद शहर तक आधुनिक सुविधाओं की पहंच नही है। उन्होने आश्वासन दिलाया कि अगली शिअद-बसपा गठबंधन सरकार खरड़ का मास्टर प्लान के अनुसार इंटीग्रेटेड तरीके से विकास सुनिश्चित करेगी।बाद में नयागांव में उन्होने यह भी घोषणा की कि एक बार शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनने पर राज्य की बागडोर संभालते ही इसे नई बस्ती का हिस्सा बनाकर नए चंडीगढ़ प्रोजेक्ट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।उन्होने एक कार्यक्रम कॉफी विद यूथ के दौरान नौजवानों से बातचीत की। उनके सभी सवालों के जवाब दिए अपनी पंजाब के बारे अपने विचार सांझे किए । अकाली दल अध्यक्ष ने व्यापारियों , रियाल्टरों, डॉक्टरों , अधिवक्ताओं और कुछ सरपंच और पंचायत सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा भी की।इस अवसर पर अकाली दल के वरिष्ठ नेता तथा प्रवक्ता डॉ. चीमा भी मौजूद थे।