दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के अलावा दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का धरना जारी है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों द्वारा ये प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों के इस प्रदर्शन को तीसरा हफ्ता होने जा रहा है। लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले मार्ग पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं। इन मार्गो के बंद होने का फायदा स्थानीय इलाकों के बच्चे खूब उठा रहे हैं। उन्हें खेलने की एक नई जगह भी मिल गई है।दरअसल गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के चलते नेशनल हाईवे 24 एक तरफ से बंद कर दिया गया है। तो वहीं इसी हाईवे से सटे नेशनल हाईवे 9 को भी बंद किया गया है। जिसपर स्थानीय इलाके के बच्चे साइकिल से रेस लगा रहे हैं, और गिल्ली डंडा भी खेल रहे हैं।सुबह से ही अपने घरों से ये सभी बच्चे इन मागोर्ं पर अपने दोस्तों के साथ इकट्ठा हो जाते हैं और गिल्ली डंडा खेलना शुरू कर देते हैं। हालांकि जब सभी बच्चे थक जाते हैं तो थोड़ा आराम कर फिर खेलना शुरू कर देते हैं। साथ ही भूख लगने पर बॉर्डर पर लगे लंगर का भी लुत्फ उठाते हैं।
हालांकि कुछ बच्चे खाली सड़कों पर रेस लगा रहे हैं और जमकर साइकिलों को इन मार्गों पर दौड़ा रहे हैं, वहीं आपस मे अपने दोस्तों से ये बहस भी करते हैं कि कौन कितनी देर में एक उचित दूरी तय कर लेगा।गाजियाबाद स्थ्ति खोड़ा कॉलोनी के निवासी 12 वर्षीय अमन ने आईएएनएस को बताया, पहले हम अपनी गलियों में साइकिल चलाते थे, लेकिन फिलहाल सड़कें खाली होने के कारण हम इधर साइकिल चला रहे हैं। जिसमें हम सभी दोस्तों को बड़ा अच्छा लग रहा है।गाजीपुर बॉर्डर पर खड़े ट्रैक्टरों, 4 पहिया वाहन और मोटर बाइक भी इन बच्चों के लिए खेलने का एक नया जरिया बन गया है। स्थानीय बच्चे अब दिन में ही छुपन छुपाई भी खेलते हैं। हालांकि इन बच्चों को आस पास खड़े किसान भी डांट दिया करते हैं। लेकिन कुछ देर बाद फिर वही खेल शुरू हो जाता है।फिलहाल अभी यह कह पाना मुश्किल होगा कि कब तक इस तरह से ये बच्चे इन खाली मार्गों का लुत्फ उठाएंगे। लेकिन सरकार लगातार बंद बड़े सभी रास्तों को खोलने के लिए किसानों से आह्वान कर रही है। लेकिन किसान कृषि कानूनों के खिलाफ अपना प्रदर्शन इन सड़कों पर ही कर रहे हैं।किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक हम इन सड़कों से नहीं हटेंगे।