भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव और प्रभारी, जम्मू और कश्मीर केंद्रीय शासित प्रदेश सुखमिंदरपाल सिंह ग्रेवाल ने कहा केंद्र की मोदी सरकार तथा कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों के हित में पास किए गए कानूनों में किसानों को और अधिक सशक्त करते हुए उनकी रबी की फसलों गेंहू, जौं, सरसों, चना, कुसुम व मसूर की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा कर किसानों को तोहफा दिया है Iग्रेवाल ने कहा कि एमएसपी की आढ़ लेकर मोदी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि संबंधी कानूनों का विरोध करने वाले सभी विपक्षी दलों तथा अन्य लोगों के मुंह पर तमाचा है । उन्होंने विरोध करने वाले तथा सड़कों पर उतरे सभी लोगों को इन बिलों को विस्तार से पढ़ने की अपील की और फिर सवाल करने को कहा। ग्रेवाल ने कहा कि सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज की सिफारिश पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है। यदि किसी फसल की बंपर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें बिचौलियों द्वारा कम कर दी जाती हैं, तब एमएसपी किसानों के लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। उन्होंने कहाकि एमएसपी वह गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों।
उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कई बार साफ कर चुके हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहाकि जिन लोगों को कंट्रोल अपने हाथ से निकलता नजर आ रहा है, वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं ।ग्रेवाल ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने, किसानों की आय दोगुनी एवं उनके जीवन स्तर में बदलाव लाने के उद्देश्य के लिए मोदी सरकार वचनबद्ध हैI उन्होंने कहाकि मोदी सरकार द्वारा कृषि मंत्रालय द्वारा तय किये गए रबी के सीजन की फसलों में गेंहू के समर्थन मूल्य में 50 रूपये प्रति क्विंटल (1925 से बढ़ा कर 1975), जौ 75 रूपये प्रति क्विंटल(1525 से बढ़ा कर 1600), सरसों 225 रूपये प्रति क्विंटल(4425 से बढ़ा कर 4650), चना 225 रूपये प्रति क्विंटल(4875 से बढ़ा कर 5100), कुसुम 112 रूपये प्रति क्विंटल (5215 से बढ़ा कर 5327) व मसूर 300 रूपये प्रति क्विंटल (4800 से बढ़ा कर 5100) इजाफ़ा किया गया है I ग्रेवाल ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के दिशा-निर्देश पर किसान मोर्चा के कार्यकर्ता अगले एक महीने में प्रदेश के गाँव-गाँव में जाकर किसानों को कृषि संबंधी विधेयकों के बारे में जागरूक करेंगे तथा किसानों के सवालों के जवाब भी देंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसान संगठनों को कृषि संबंधी विधेयकों के बारे में कोई शिकायत है तो वह प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों से संपर्क कर सकता है और प्रदेश भाजपा उनकी शिकायत के निवारण के लिए उनकी बात केंद्र सरकार से करवा सकती है।