कोविड के बढ़ रहे मामलों का सामना करते हुये पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में कोविड -19 के वायरल टेस्टिंग के सामथ्र्य में विस्तार किया गया है जिससे रोज़ाना के 20,000 टैस्ट किये जाएंगे। यह जानकारी मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री पंजाब श्री ओ.पी. सोनी ने स्वास्थ्य मंत्री पंजाब स. बलबीर सिंह सिद्धू के साथ साझे तौर पर पंजाब बायोटैक्नालौजी इनकुबेटर और पंजाब फोरेंसिक साईंस लैबोरेटरी, मोहाली में कोरोना लैबोरेटरियाँ का उद्घाटन करने के उपरांत किया।मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ने कहा कि देश भर में कोविड के मामलों में भारी विस्तार देखा जा रहा है परन्तु हम पंजाब में इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और वायरल टेस्टिंग सामथ्र्य को सबसे तेज़ी के साथ अपग्रेड करने वाले राज्यों में से एक है।उन्होंने बताया कि आज से राज्य में चार लैबोरेटरियाँ कार्यशील होंगी जिनके द्वारा कोविड -19 के वायरल टेस्टिंग का सामथ्र्य 16000 टैस्टों से बढ़ कर 20,000 टैस्ट प्रतिदिन हो जाऐगा। आज से कार्यशील की जाएँ वाली दो अन्य लैबोरेटरियाँ रीजनल डीसीज़ डायगनोस्टिक लैबोरेटरी, जालंधर और गुरू अंगद देव वैटरनरी एंड एनिमल सायंसेज़ यूनिवर्सिटी (गडवासू), लुधियाना हैं।मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को सलाह दी कि घबराओ मत, सावधान रहो और सरकारी ऐडवाईजऱीज़ की पालना करो।स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि बड़ी संख्या में मामलों का सामने आना, अपने आप में यह दर्शाता है कि हम बड़े स्तर पर वायरल टेस्टिंग कर रहे हैं। समय पर टैस्ट करने से पॉजिटिव लोगों को दूसरों से अलग किया जा रहा है और इस तरह इस बीमारी के और फैलने की संभावना कम रही है।
जि़क्रयोग्य है कि पंजाब ‘देश का पहला राज्य’ बन गया है, जहाँ स्वास्थ्य एवं मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अलावा राज्य के गृह विभाग (मोहाली में फोरेंसिक साईंस लैबोरेटरी), पशु पालन विभाग (रीजनल डीसीज़ डायगनोस्टिक लैबोरेटरी, जालंधर और गुरू अंगद देव वैटरनरी एंड एनिमल सायंसेज़ यूनिवर्सिटी (गडवासू), लुधियाना) और साईंस एंड टेक्नोलोजी विभाग (पंजाब बायोटैक्नालौजी इनकुबेटर, मोहाली) की सुविधाओं को कोविड -19 की वायरल टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किया जायेगा।यह चारों लैबोरेटरियाँ 16 आधुनिक उपकरणों से लैस हैं जिसमें रैफरीजीरेटरड सैंटरिफिज़, पूरी तरह आटोमेटिड बायोसेफ्टी कैबेनेट, रियल टाईम पी.सी.आर और स्पेक्ट्रोमीटर शामिल हैं। हर लैबोरेटरी में उपकरणों पर 1 करोड़ रुपए की लागत आई है। चार लैबोरेटरियों में कुल 83 अधिकारी नियुक्त किये गए हैं, जिनमें माईक्रोबायोलोजिस्ट, अनुसंधान सहायक, मैडीकल लैबोरेटरी टैक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर और अन्य सहायक स्टाफ शामिल है।इस मौके पर अन्यों के अलावा ए.सी.एस. गृह, श्री सतीश चंद्र, प्रमुख सचिव मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान पंजाब श्री डी.के तिवाड़ी और उप कुलपति बाबा फऱीद यूनिवर्सिटी आफ हैल्थ सायंसेज़ (बी.एफ.यू.एच.एस.) डा. राज बहादुर मौजूद थे।