उपराज्यपाल के सलाहकार बसीर अहमद खान ने आज जम्मू संभाग में बिजली के परिदृश्य और जेपीडीसीएल परियोजनाओं के तहत विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए समीक्षा बैठक बुलाई।बैठक में सचिव पीडीडी एम राजू, एमडी जेपीडीसीएल यशा मुदगल और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।बैठक के दौरान सुस्त परियोजनाओं को पूरा करने, चल रही केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत कामों में तेजी लाने, नई कार्यशालाओं के निर्माण, वितरण नेटवर्क की जर्जर स्थिति, अपर्याप्त बिजली वितरण बुनियादी ढांचे और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।सलाहकार को एकीकृत विद्युत विकास योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, प्रधान मंत्री विकास योजना और कई अन्य योजनाओं की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी गई।सलाहकार ने इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए इन केंद्र प्रायोजित योजनाओं के निष्पादन में तेजी लाने का निर्देश दिया और कहा कि अधिकारियों को अड़चनों, यदि कोई हो, को दूर करना चाहिए ताकि ये निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हो जाएं।यह बताया गया कि उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए जम्मू शहर और अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत मीटरिंग मिशन मोड पर की गई है।
सलाहकार ने पीडीडी अधिकारियों को निर्देश दिया कि सेहरी और इफ्तार के समय लोगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि संगरोध केंद्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति को बनाए रखा जाना चाहिए।यह निर्णय लिया गया कि कठुआ, बटोत और राजौरी में तीन मीटर जांच प्रयोगशालाओं का निर्माण किया जाएगा। बैठक के दौरान यह भी सुनिश्चित किया गया कि उपभोक्ताओं को भैतिक और इलेक्ट्रॉनिक दोनों माध्यमों से 100 प्रतिशत बिल वितरण होना चाहिए।सलाहकार ने वितरण बुनियादी ढांचे की जर्जर स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए इंजीनियरों से क्षेत्र में सभी क्ष्तिग्रस्त बिजली के खंबों, ट्रांसफार्मरों और कंडक्टरों की पहचान करने के लिए कहा ताकि वितरण बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए मिशन मोड पर इन्हें बदलने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध हो सके।सलाहकार ने कहा कि जम्मू संभाग में नए ट्रांसफार्मरों की खरीद पर 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे।बैठक के दौरान, एमडी जेपीडीसीएल युशा मुदगल ने व्यावसायिक नुकसान में कमी के लिए भारत सरकार के दिशानिर्देशों पर स्मार्ट प्री पेड मोड के लिए, प्रवर्तन प्रणाली के अनुरूप नई प्रवर्तन प्रणाली/विंग के गठन सहित मध्यावधि के उपायों और मौजूदा मीटरों की 100 प्रतिषत उपभोक्ता मीटरिंग और स्विचिंग सहित दीर्घकालिक उपायों की एक विस्तृत प्रस्तुति दी।