इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स के पंजाब एंड चंडीगढ स्टेट सेटर ने बाबा बंदा सिंह बहादुर इंजीनियिरिंग कालेज फतेहगढ साहिब के सहयोग से इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन, रिन्युअल एनर्जी एंड आईओटी विज़न 2040 विषय पर दो दिनों की इंटरनेशनल कांफ्रेस का इंजीनियरिंस भवन सेक्टर 19 चंडीगढ में आयोजन किया । कांफ्रेस का उद्घाटन नेशनल बोर्ड आफ एक्रिडेशन (एन.बी.ए.) के चेयरमेन डाक्टर के.के अग्रवाल ने किया। एन.बी.ए. टेक्टिनकल इंस्टीट्यूशंस की ग्रेडिंग के लिए जिम्मेदार हैं। इस मौके पर इंस्टीट्यूशन आफ इंजीनियर्स (आई.ई.आई.) के नेशनल चैयरमेन डाक्टर गुनराजा व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।कांफ्रेस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आई.ई.आई के पंजाब एंड चंडीगढ स्टेट सेटर के चैयरमेन जनक राज गर्ग ने बताया कि इस इंटरनेशनल कांफ्रेस का उ्ददेश्य इलेक्ट्रानिक्स, कम्युनिकेशन एंड इनफारमेशन टेक्नालाजी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग फार सांइटिस्ट, स्कालरस, इंजीनियरस और स्टुडेंट्स आदि में की जा रही नई शोध को सामने लाना है। इस कांफ्रेस ने डेलीगेट्स को नए विचारों व अनुभवों को आपस में साझा करने और बांटने के लिए एक नया मंच प्रदान किया। दो दिनों की इस कांफ्रेस में शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए 06 टेक्निकल सेंशस का आयोजन किया गया। दो सेशंस का आयोजन छात्रों के लिए भी किया गया। इस मौके पर कुछ इंटरनेशनल डेलीगेट्स ने भी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया की 8 सितम्बर को होने वाले समापन समारोह में आई.के.जी. पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर के वाइस चांसलर डाक्टर अजय शर्मा मुख्य अतिथि होंगे। और बीबीएसबी इंजीनियरिंग कालेज फतेहगढ़ साहिब के प्रिंसीपल मेजर जनरल जी.एस लांबा गेस्ट आफ आनर होंगे।आई.के.जी. पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी जालंधर के वाइस चांसलर डाक्टर अजय शर्मा अपने अनुभवों को सब के साथ साँझा करेंगे और बताएँगे कि किस तरह के से इन नए क्षेत्रों को इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में शामिल करने से वर्तमान और भविष्य की समस्याओं को दूर करने में मदद मिल रही है। वे आई.ओ.टी. ( इंटरनेट आफ थिंग्स) की महत्ता और हैल्थकेयर व पोस्ट आपरेटिव मेडिकल केयर के बारे में भी बताएँगे। समापन समारोह में एस.एल.आई.ई.टी. संत लोगोंवाल इंस्टिट्यूट के डाक्टर ए.पी. सिंह कांफ्रेस की फाइनल रिपोर्ट को पेश करेंगे और अगले दो दशकों (2040 विजन) के साथ अक्षय ऊर्जा उत्पादन तकनीकों के लाभों को प्रस्तुत करेंगे।इस कांफ्रेस में शिक्षकों व इंडस्ट्री के लोगों ने आपस में मेक इन इंडिया कैंपेन के मद्देनजर आपस में विचार विमर्श किया और शोधकर्ताओें के विकास व उनके समाज में उपयोगिता को लेकर भी जोर दिया।