आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 में कहा गया है कि भारतीय उद्योग और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की वास्तविक चुनौती, सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग से पर्याप्त निजी निवेश लाना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गुरुवार को संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया, "सार्वजनिक क्षेत्र के सहयोग से देशभर में पर्याप्त निजी निवेश लाना वास्तवकि चुनौती है। भौतिक बुनियादी ढांचे के साथ ही सामाजिक बुनियादी ढांचे का प्रावधान भी उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों ही निर्धारित करेंगे कि भारत को 2030 में विश्वस्तर पर किस स्थान पर रखा जाएगा।"सर्वेक्षण के अनुसार उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में इंडस्ट्री 4.0 और अगली पीढ़ी के ढांचे (नेक्स्ट जनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर) के लिए गुंजाइश बहुत अधिक है। इस तरह से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए रास्ते में आने वाली रुकावटों से पार पाना होगा।आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) ने 2018-19 में 3.6 फीसदी वृद्धि दर्ज की जिसकी दर 2017-18 में 4.4 फीसदी थी। इसी के साथ 2017-18 में आठ प्रमुख उद्योगों के समग्र सूचकांक ने 2018-19 में 4.3 फीसदी वृद्धि हासिल की। सर्वेक्षण में कहा गया है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में समय पर विवादों के समाधान के लिए संस्थागत तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।