एसवाईएल के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने और प्रदेश में बिजली-पानी संकट को लेकर इनेलो कार्यकर्ताओं द्वारा वीरवार को अम्बाला व बौंद खंड (चरखी दादरी) में सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया गया। अम्बाला जिला के प्रभारी व पेहवा से विधायक जसविन्द्र सिह संधू व जिला प्रधान शीशपाल जन्धेडी के नेतृत्व में अम्बाला शहर व कैंट विस क्षेत्र के इनेलो कार्यकर्ताओं ने धरना दिया वहीं दादरी हलके के विधायक राजदीप फौगाट के बौंद खंड में जनसमस्याओं को लेकर सरकार से बिजली-पानी व कानून व्यवस्था में सुधार सहित अन्य जनसमस्याओं का जल्द समाधान करने की मांग को लेकर नायब तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा।इनेलो नेताओं ने कहा कि एसवाईएल पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला हरियाणा के पक्ष में आने के बावजूद अभी तक नहर का निर्माण कार्य न होना प्रदेश के साथ भारी अन्याय होने के साथ-साथ बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की भी अवमानना है। उन्होंने कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का पानी लेने के लिए पिछले 50 सालों से निरंतर संघर्षरत है और स्व. जननायक चौ.देवीलाल ने ही एसवाईएल का निर्माण कार्य शुरू करवाया था और इस नहर की पंजाब क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण करने बारे सरकारी खजाने से पैसा भी उन्होंने जारी किया था।
यह बात स्व. पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने भी विधानसभा में स्वीकार की थी कि एसवाईएल का सबसे ज्यादा निर्माण कार्य चौ. देवीलाल के समय हुआ है उन्होंने कहा कि इनेलो प्रमुख चौ. ओमप्रकाश चौटाला की जोरदार पैरवी के चलते 2002 में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला एसवाईएल को लेकर हरियाणा पक्ष मे आया इसके बाद निरंतर इसके निर्माण में कांग्रेस अड़ंगे लगाती रही और ऐसे प्रयास करती रही ताकि प्रदेश को उसके हिस्से का पानी न मिल पाए।इनेलो नेताओं ने कांग्रेस व भाजपा को आडे हाथों लेते हुए कहा कि दस साल प्रदेश व केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन इस नहर के अधूरे निर्माण को पूरा करवाने में कांग्रेस ने कोई दिलचस्पी नहीं ली बल्कि समय-समय पर इसक निर्माण में अड़चनें पैदा करने के प्रयास किए। उन्होंने कहा कि अब पिछले अढाई सालों से हरियाणा व केंद्र में भाजपा की सरकार है और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसार नहर के अधुरे निर्माण को पूरा करवाने की जिम्मेवारी केंद्र सरकार पर है। इसके बावजूद भी भाजपा सरकार नहर का निर्माण शुरू करवाने की बजाय मामले में टालमटोल का रवैया अपना रही है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल पर कांग्रेस व भाजपा दोनो ही दोहरी भाषा बोल रहे है और अपने आपको राष्ट्रीय दल कहलाने वाली दोनों पार्टियो आज तक इस मामले पर अपना राष्ट्रीय स्तर पर स्टैड स्पष्ट नही कर पाए है। इनेलो नेता ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस व भाजपा के नेता अलग भाषा बोलते है और हरियाणा के लोगों को बहकाने के लिए अलग भाषा बोली जाती है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवनरेखा है और इस नहर के माध्यम से हरियाणा अलग प्रदेश बनने पर उसके हिस्से का पानी प्रदेश में लाना चाहता है।
इनेलो नेताओं ने कहा कि बिजली पानी संंकट से परेशान प्रदेश की जनता आए दिन सडक़ो पर धरने लगाकर रोष प्रर्दशन कर रही है लेकिन सरकार पर इनका कोई असर नही हो रहा बल्कि सरकार लोगों को बहकाने के लिए आए दिन कभी गीता जंयती तो कभी स्र्वण जयंती के नाम पर और कभी अप्रवासी सम्मेलन तो कभी सरस्वती जंयती के नाम पर प्रदेश के लोगों की खून-सीने की कमाई को पानी की तरह बहा रही है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा सरकार पूरी तरह से हर मोर्चे पर फेल हो गई है और समाज का हर वर्ग सरकार से बेहद दुखी और परेशान है इस धरने को पार्टी के अन्य नेताओं ने भी सम्बोधित किया और भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार किए। इनेलो नेताओं ने कहा कि अगर एसवाईएल का पानी प्रदेश में आ जाता है तो न सिर्फ किसानों के खेतों को पानी मिल पाएगा बल्कि लोगों के पीने के पानी की समस्या भी स्थायी तौर पर हल को जाएगी।अम्बाला के धरने में श्री संधू के अलावा जिला प्रधान शीशपाल जन्धेडी, जगमाल सिह रौंलो, सुरजीत सौडा, शम्मी सौडा, कृपाल अरोडा, हलका प्रधान जसविन्द्र सकरोहो, सरवण सिह, अवतार शेरगिल,राजेश सैनी, जिला प्रैस प्रवक्ता रामकुमार बटरोहन, लाली भानोखेडी, युवा जिला प्रधान अमरेन्द्र सौटा व महिला जिला प्रधान सर्वजीत कौर और बौंद खंड में विधायक फौगाट के अलावा हलकाध्यक्ष रामनिवास मिर्च, पं. मनफूल शर्मा रावलधिया, नितिन जांघु, राकेश कलकल, रमेश वर्मा, विनोद मौड़ी, पार्षद आनंद कुमार, नप वाइस चेयरमैन बबलू श्योराण, जसवंत, राजेश, राजकुमार रानीला, लाला रणकौली व बबलू चौधरी सहित सैकड़ों इनेलो कार्यकर्ता मौजूद थे।