पंजाब सरकार द्वारा प्रगति अधीन बनूड़ नहर सिस्टम के पूरा होने से राज्य में सिंचाई प्रबंध और मज़बूत एवं बेहतर होगा। इस प्रौजेक्ट को दिसंबर-2016 तक पूरा कर लिया जायेगा और जनवरी 2017 से इसके द्वारा 37581 एकड़ क्षेत्र को सिंचाई सुविधांए मिलेंगी जिसका लाभ 60 गांवों के किसानों को होगा। पंजाब के सिंचाई मंत्री स. शरनजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि 95.50 करोड़ के इस प्रौजेक्ट से संबंधित क्षेत्र के 1215 हेक्टयर अतिरिक्त क्षेत्र को पानी की सुविधा मिलेगी जिससे किसानों को फसलों और पशुओं के लिए हरा चारा उगाने आदि के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रौजेक्ट के कार्य जैसे कि गाइड बांधों का निर्माण, बनूड़ नहर का निर्माण, युद्ध स्तर पर चल रहा है और यह समूचे कार्य दिसंबर, 2016 तक पूरे कर दिये जायेंगे। स. ढिल्लों ने बताया कि इस प्रौजेक्ट के निर्माण से 1215 हेक्टयर अतिरिक्त क्षेत्र को पानी की सप्लाई मिलेगी और डेराबस्सी, राजपुरा, बनूड़ व घन्नौर ब्लॉक के लगभग 70 गांवों का सीसीए 14000 से बढ़कर 15215 हेक्टयर हो जायेगा और घग्गर दरिया के नीचे दायें और बांये तरफ लगते गांवों को अतिरिक्क्त सिंचाई सुविधांए प्रदान की जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि इस प्रौजेक्ट से कई अन्य लाभ जैसे कि धरती के नीचे पानी के स्तर को नीचे जाने से बचाना, टेलों तक पानी की सप्लाई, सिंचाई योग्य क्षेत्र में वृद्धि और लोगों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी उपलब्ध करवाना आदि भी प्राप्त होंगे। उन्होंने अन्य विवरण देते हुये बताया कि यह प्रौजेक्ट शिरोमणि अकाली दल -भाजपा सरकार की बहुमूल्य प्राप्ति है कि उसने अपने कार्यकाल दौरान यह प्रौजेक्ट पूरा किया है क्योंकि यह पिछले लंबे समय रूकावट की अवस्था में चल रहा था और क्षेत्र के लोगों को अपने बनते हक अनुसार पानी से वंचित रहना पड़ रहा था।
सिंचाई मंत्री ने आगे बताया कि बनूड़ नहर मौजूदा समय पूरा वर्ष चलने वाला चैनल नही है। यह वर्ष में केवल चार या पांच महीने ही चलता है। उन्होंने बताया कि घग्गर दरिया जो बनूड़ नही को पानी उपलब्ध करवाता है, शिवालिक की पहाडिय़ों से निकलकर हरियाणा राज्य से होता हुआ चंडीगढ़ रोड से उत्तर दिशा की और गांव भांखरपुर में दरिया के निचली तरफ जोकि पटियाला, संगरूर और मानसा जिलों से होकर पुन: हरियाणा राज्य से होता हुआ राजस्थान के टिब्बों में जाकर खत्म हो जाता है। उन्होंने बताया कि घग्गर दरिया से बनूड़ नहर सिस्टम के अतिरिक्त कोई भी अन्य सिंचाई सिस्टम अस्तित्व में नही है और यह छिमाही सिस्टम भी 100 वर्ष से पुराना है। स. ढिल्लों अनुसार यह सिस्टम बनूड़ नहर शामिल है की मेन नहर की लंबाई 37 कि.मी है और इसमें से निकलने वाली नौ माईनरों, तीन सब-माइनरों जिनकी कुल अनुमानित लंबाई 44 कि.मी है। सिंचाई मंत्री ने अन्य जानकारी देते हुये बताया कि बनूड़ नहर घग्गर दरिया से छत्तबीड़ चिडिय़ा घर क े निकट से निकलती है और प्रति वर्ष घग्गर दरिया से कच्चा आरजी बांध बनाकर बनूड़ नहर को परनी दिया जाता था। इस उद्धेश्य के लिए 102 क्यूसिक पानी छोटी नहर (कुऐनट) द्वारा दिया जाता था। उन्होंने बताया कि पहले प्रतिवर्ष कच्चा आरजी बांध अक्टूबर माह दौरान बनाया जाता था और घग्गर दरिया में भारी वर्षा के कारण पानी का बहाव बढ़ जाने के कारण यह बांध जून माह/जुलाई माह दौरान टूट जाता था। उन्होंने बताया कि अब इस समस्या से मुक्ति पा ली गई है और अब यह नहर पूरा वर्ष सिंचाई के लिए प्रयोग की जायेगी।