शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू को वैक्सीन और फतेह किट घोटालों की अध्यक्षता करने के लिए तत्काल बर्खास्त करने की मांग की और जोर देकर कहा कि अगर 15 जून तक ऐसा न किया गया तो शिरोमणी अकाली दल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के आवास के सामने ‘ घेराव’ करेगा।शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने यहां दो घंटे तक चले सांकेतिक धरने को संबोधित कर रहे थे, जोकि कोविड संकट के कारण विधायक, पूर्व विधायक, हलका प्रभारी और जिलाअध्यक्षों समेत पार्टी की वरिष्ठ लीडरशीप ने अकाली दल अध्यक्ष के नेतृत्व में भाग लिया ।‘धरने’ वाले स्थल पर बोलते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि ‘ हम वैक्सीन घोटाले में पंजाब के लोगों को न्याय सुनिश्चित करवा कर रहेंगे, जिसमें लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने के बजाय, कांग्रेस सरकार ने निजी संस्थानों को मोटे लाभ पर वैक्सीन बेची । इससे लोगों के जीवन खोना पड़ा जोकि निंदनीय है। इस भ्रष्ट कृत्य के लिए बलबीर सिद्धू सीधे तौर पर जिम्मेदार है और अगर उन्हे बर्खास्त नही किया जाता है तो हम राज्यपाल के पास जाने के अलावा अदालत में भी जाएंगे।इस अवसर पर सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस सरकार के फतेह किट घोटाले के बारे में बोलते हुए घोटाले का पर्दाफाश किया। उन्होने कहा कि इस घोटाले के तहत कोविड महामारी के दौरान छह महीने के भीतर ही एक के बाद एक टेंडर आमंत्रित किए गए, जबकि इसके कि पहले टेंडर की अवधि छह महीने के लिए वैध थी।इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए सरदार बादल ने कहा कि वास्तविक टेंड संगम मेडिकल स्टोर ने 837 रूपये प्रति किट से प्राप्त किया था, लेकिन तीन अप्रैल को मेडिकल स्टोर को 940 रूपये प्रति किट से हिसाब से टेंडर आंवटित किया गया। उन्होने कहा कि भले ही यह टेंडर साढ़े तीन लाख किट की आपूर्ति के लिए छह महीने की अवधि वैध थी, लेकिन सरकार ने 20 अप्रैल को टेंडर को फिर से आमंत्रित किया और 1226 रूपये प्रति किट के हिसाब से ग्रैडवें निगमन को इसी किट की आपूर्ति के लिए खरीद आदेश जारी किए। उन्होने कहा कि बलबीर सिद्धू यही नही रूके। ‘ एक तीसरा टेंडर जारी किया गया और ग्रैंडवे को 1338 रूपये प्रति किट की कीमत के हिसाब से किट देने के लिए फिर से चुना गया।
सरदार बादल ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि ग्रैंडवे मेेडिकल लाइसेंस के मापदंड को भी पूरा नही करता है, लेकिन फिर भी सरकार को किट देने के लिए चुना गया। हम इस घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषी को अनुकरणीय सजा देने की मांग करते हैं।अकाली दल अध्यक्ष ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री से कहा कि ‘ एक सैनिक हमेशा युद्ध के मैदान में अपनी जिंदगी दांव पर लगाता है और कैप्टन अमंरदिर सिंह की तरह घर में नही छिपता’। उन्होने कहा कि पंजाबियों को इस बात का सदमा लगा कि मुख्यमंत्री खुद प्रचार करने के लिए विज्ञापनों पर 150 करोड़ रूपये खर्च किए, जबकि दवाओं पर वे एक भी रूपया खर्च करने को तैयार नही हैं। उन्होने कहा कि पजांब में कोविड महामारी के दौरान 15 हजार लोगों की मौत के लिए मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, जिसमें राज्य में सबसे ज्यादा मौतों की गिनती शामिल है, जिसका कारण कांग्रेस सरकार द्वारा आॅक्सीजन , दवाओं और सेहत देखभाल सुविधाओं को सुनिश्चित करने से इंकार करना था। उन्होने कहा कि सरकार उन निजी संस्थाओं पर भी लगाम लगाने में नाकाम रही, जिन्होने अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराने के लिए प्रतिदिन 15 हजार रूपये तक वसूल कर लोगों का शोषण किया। ‘ यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री ने सभी ब्लाकों में कोविड केयर सेंटर खोलने और निर्माताओं से सीधे 1000 करोड़ रूपये की वैक्सीन खरीदने के हमारे अनुरोध को सुनने से इंकार कर दिया, ताकि छह महीने की अवधि में पूरे राज्य की आबादी में वैक्सीन लगाई जा सके।सरदार बादल ने कहा कि उन्होने राज्य भर में आॅक्सीजन सेवा के साथ साथ लंगर सेवा शुरू करके लोगों के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है। उन्होने कहा कि एस.जी.पी.सी ने भी इस अवसर पर बढ़चढ़कर कई जगहों पर कोविड सेंटर स्थापित किए हैं।इस धरने में प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जनमेजा सिंह सेखों, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबड़िया, सुरजीत सिंह रखड़ा, बलदेव सिंह मान, पूर्व एस.जी.पी.सी अध्यक्ष गोबिंद सिंह लौंगोवाल, गुरबचन सिंह बब्बेहाली, सोहन सिंह ठंडल, पवन टीनू, लखबीर सिंह लोधीनंगल, एन.के.शर्मा, डाॅ. सुखविंदर सुक्खी, बलदेव सिंह खैहरा उपस्थित थे। यूथ अकाली दल के अध्यक्ष परमबंस सिंह रोमाणा, परमजीत कौर लांडरा तथा चरनजीत सिंह बराड़, कंवलजीत सिंह रूबी, चरनजीत सिंह कालेवाल, गुरप्रीत सिंह राजूखन्ना तथा एडवोकेट हरमनप्रीत सिंह प्रिंस गुरइकबाल सिंह महल, बीबी कुलदीप कौर कंग, मनप्रीत कौर डोली भी उपस्थित थे।