दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) प्रमुख स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछले साल उनके पदभार संभालने के बाद से महिला संस्था के 'ज्यादा कार्य' किए जाने के कारण उनके कार्यालय पर एसीबी का छापा मारा गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख बरखा शुक्ला सिंह ने अपने 9 साल के कार्यकाल में सिर्फ एक मामला उठाया, जबकि अपने हमने पहले ही साल में 400 से अधिक मामले उठाए।मालीवाल ने संवाददाताओं से कहा, "एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) डीसीडब्ल्यू के कार्यालय आई थी और हमसे कई घंटों तक पूछताछ की गई।"मालीवाल ने कहा, "बरखा शुक्ला सिंह ने अपने 9 साल लंबे कार्यकाल में सिर्फ एक मामले को उठाया, इसलिए हम जानना चाहते हैं कि आज तक उनके सामने कोई सवाल क्यों नहीं उठाया गया? "
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बरखा शुक्ला सिंह ने दोनों जगहों, विधायक और डीसीडब्ल्यू प्रमुख के रूप में वेतन लिया।उन्होंने पूछा, "उन्होंने अपने 9 साल लंबे कार्यकाल में कार्य क्यों नहीं किया? क्यों उन्होंने सिर्फ एक मामले को पूरा किया?" क्या यह भ्रष्टाचार नहीं है?"मालीवाल की यह टिप्पणी डीसीडब्ल्यू के दफ्तर पर एसीबी अधिकारियों के गुरुवार सुबह छापे के बाद आई। यह छापा दिल्ली कांग्रेस नेता बरखा शुक्ला सिंह के गैर कानूनी कार्य में लिप्त होने की शिकायत पर मारा गया। जिसमें पार्टी सहयोगियों को सभी ऊंचे पदों पर नियुक्त किए जाने की बात कही गई थी।शुक्ला ने 12 अगस्त को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी।
बरखा ने अपनी शिकायत में आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं पर यह आरोप लगाया कि वे अपने सहयोगियों को डीसीडब्ल्यू में नियुक्त कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली सरकार से आर्थिक लाभ दिया जा रहा है।उन्होंने वरिष्ठ आप नेता एच. एस. फुल्का की बेटी प्रभाष्य कौर, डीसीडब्ल्यू के सलाहकार राज मंगल प्रसाद और दूसरे 83 लाभार्थियों का नाम लिया।कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह सभी नाम एक आरटीआई आवेदन के जरिए प्राप्त किए गए हैं। उन्होंने इसकी विस्तृत जांच की मांग की।बीते एक साल में डीसीडब्ल्यू के कार्यो के बारे में बताते हुए मालीवाल ने कहा, "पिछले एक साल मैंने 400 से ज्यादा मामले उठाए हैं, 50 जगहों का दौरा किया और 50 से ज्यादा सिफारिशें कई मामलों में की गई हैं।"उन्होंने कहा, "हम काम कर रहे हैं इसलिए सवाल किया जा रहा है। "
नियुक्तियों पर डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, "शुरुआत में डीसीडब्ल्यू में 42 लोग कार्यरत थे और अब 80 लोग डीसीडब्ल्यू में काम कर रहे हैं, इसमें तीन तेजाब हमले की पीड़ितों की नियुक्ति की गई है। "उन्होंने कहा, "दो लड़कियां डीसीडब्ल्यू में नारी निकेतन से नियुक्त की गई है, इनकी नियुक्ति में शुक्ला के समय से चल रहे सभी नियमों और अधिनियमों का पालन किया गया है।"डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा कि शुक्ला के कार्यकाल में नहीं ली गई शिकायतों का बोझ ज्यादा होने की वजह से आयोग में नियुक्तियां की गई।उन्होंने कहा, "पिछले नौ सालों में सिर्फ एक मामले को उठाया गया ऐसे में लंबित पड़े मामलों के बारे में कोई भी सोच सकता है।" साथ ही उन्होंने कहा, "बीते पांच महीनों से डीसीडब्ल्यू का सभी कर्मचारी, शनिवार को भी काम कर रहे हैं। "छापे के बाद एसीबी ने मालीवाल के सचिव को शुक्रवार को जांच में शामिल होने के लिए तलब किया है।