विपक्षी दलों के दबाव के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को अपने एक मंत्री की इस टिप्पणी पर खेद जताया कि विधायक विधानसभा में प्रश्न पूछने के लिए पैसे लेते हैं। राज्य के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने गत सप्ताह यह टिप्पणी की थी। इस पर चर्चा के लिए विपक्ष काम रोको प्रस्ताव लाया था। विपक्षी सदस्यों का कहना था कि मंत्री ने सदन की गरिमा भंग करने के लिए इस तरह की टिप्पणी की।नेता प्रतिपक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने कृषि मंत्री की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण और सदन की गरिमा को भंग करने वाला बताया। उन्होंने कृषि मंत्री के उस बयान पर भी अपनी नाखुशी जाहिर की जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य में कुछ नहीं किया।
नेता प्रतिपक्ष ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा, "यह साबित करने की कोशिश हो रही है कि पहले के आदिवासी मुख्यमंत्रियों ने राज्य के लिए कुछ नहीं किया। यह अपमानजनक है। इसलिए मंत्री के खिलाफ अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।" इस मुद्दे पर सदन में विपक्षी सदस्यों और कृषि मंत्री के बीच गरमागरम बहस भी हुई। संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने इस मुद्दे को उठाने लिए विपक्ष की पहल पर सवालिया निशान लगाया। विपक्षी सदस्य किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं थे। वे हंगामा करते हुए सदन के कूप तक पहुंचे और मंत्री से माफी मांगने की मांग करने लगे।
सदन में उस समय स्थिति और भी अप्रिय हो गई जब झारखंड विकास मोर्चा (झविमो) के सदस्य प्रदीप यादव ने कहा, "सदन की शुचिता को उस समय ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया जब मंत्री ने उस पार्टी को ही धोखा दे दिया जिससे वह चुनाव जीते थे। अब मंत्री बनने के बाद कैसे वह सरकार की शुचिता बनाए रखेंगे?" इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रणधीर सिंह ने कहा कि यादव स्वयं अपनी पहली पार्टी भाजपा को ठग चुके हैं।
रणधीर सिंह उन छह विधायकों में से एक हैं जो रघुवर सरकार में शामिल होने के लिए भाजपा में शामिल हो गए थे। विपक्ष को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री ने मंत्री की टिप्पणी पर खेद जताया। उन्होंने कहा, "सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं। लेकिन, संसदीय परंपरा में एक व्यवस्था का पालन करना होता है। सभी सदस्यों को सदन की शुचिता बनाए रखनी चाहिए। अगर मंत्री की टिप्पणी से किसी की भावना आहत हुई हो तो वह इसके लिए खेद जताते हैं।"