बेसिक फर्स्ट टेक्नोलॉजी पर आधार ई लर्निंग प्लेटफॉर्म है.जहां छात्रों को उनके डाउट क्लियर करने, कैरियर काउंसिलिंग, परीक्षा के समय खास तैयारी में मदद करती है. यह सभी स्टेट बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के छात्रों के लिए है. गुरूवार 22 अगस्त को कंपनी के फाउंडर और सीईओ रणधीर कुमार प्रियदर्शी ने सीएम रघुवर दास के साथ एमओयू साइन किया.रांची के धुर्वा स्थिति ज्यूडिशियल एकेडमी में बीपीओ/बीपीएम समिट 2019 का आयोजन किया गया. इसका आयोजन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क इंडिया (एसटीपीआई) नेकिया था. एसआईटीपी की स्थापना सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय भारत सरकार ने किया है.बेसिक फर्स्ट भारत में सबसे तेजी से उभरती हुई ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म है. यह इस वक्त विदेशों में सिंगापुर, दुबई के अलावा भारत में बंगलुरु सहित देशभर के 18 शहरों में काम कररही है. जिसमें 700 से अधिक लोग काम कर रहे हैं. अब रांची में दूसरा बीपीओ सेंटर खोलने जा रही है.इस अवसर पर सीएम रघुवर दास ने कहा कि बंगलुरु की तरह यहां मौसम भी है, सरकार सुविधा दे रही है, सुरक्षा दे रही है. वहां बहुत लोग और कंपनी पहुंच चुकी है. इन कंपनियों को अब झारखंड आना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जितनी कंपनियों के साथ एमओयू हुआ है, सरकार उनके नुमाइंदों के साथ हर महीने बैठक करेगी. उनकी समस्याओं का लगातार निदान करेगी.
कंपनी के फाउंडर और सीईओ रणधीर कुमार प्रियदर्शी ने बताया कि वह झारखंड सरकार का धन्यवाद करना चाहते हैं. क्योंकि उन्होंने बहुत ही कम समय में बेहतर सुविधाएंउपलब्ध कराई है. सीएम रघुवर दास का विजन झारखंड को आगे ले जाने में मदद कर रहा है. उनकी मदद से झारखंड में हमारी कंपनी बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करने जा रही है.मौके पर सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुनील बर्णवाल ने कहा कि राज्य में मौके हर दिन बढ़ रहे हैं. सिंगल विंडो सिस्टम से समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. बेसिक फर्स्ट जैसी कंपनियां छात्रों को ध्यान में रखकर काम कर रही है. खुशी की बात है कि वह झारखंड की ही है.रणधीर कुमार ने यह भी कहा कि झारखंड में टैलेंट की कमी नहीं है. युवाओं में प्रचूर संभावनाएं हैं. बस उनको सही अवसर और प्लेटफॉर्म देने की जरूरत है. बीपीओ सेक्टर में यहां के युवा बढ़िया अन्य क्षेत्रों की तरह बढ़ीया रिजल्ट देंगे, ऐसा उन्हें भरोसा है.बेसिक फर्स्ट खास तरह का लर्निंग प्लेटफॉर्म है जहां छात्र अपने डाउट क्लियर करते हैं. कैरियर काउंसिलिंग के लिए देश-दुनिया में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही एकेडमिक और कंपिटिशन एग्जाम की तैयारी में मदद करती है. इसके अलावा यह एशिया का पहला ऐसा एजुकेशन टेक्नोलॉजी है जो टैब की सुविधा के साथ किराए पर भी देतीहै. यानी छात्र कुछ दिनों के लिए किराए पर इसकी सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं.