श्रीनगर में गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद के नमाज-ए-जनाजा में उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती सहित हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। उम्मीद की जा रही है कि अब महबूबा मुफ्ती ही जम्मू एवं कश्मीर की नई मुख्यमंत्री होंगी। वीआईपी, सईद के परिजनों व पार्टी कार्यकर्ताओं सहित सात हजार से अधिक लोगों ने शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में शाम को मुख्यमंत्री के नमाज-ए-जनाजा में हिस्सा लिया। उनका पार्थिव शरीर नई दिल्ली से यहां लाया गया।पीडीपी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने नमाज-ए-जनाजा पढ़ाई, जिसके बाद मुफ्ती का पार्थिव शरीर अनंतनाग जिला स्थित उनके गृहनगर बिजबेहरा ले जाया गया, जहां दफनाने के पहले अंतिम बार नमाज-ए-जनाजा पढ़ा गया।
इससे पहले, पीडीपी के दो वरिष्ठ नेताओं मुजफ्फर हुसैन बेग व अल्ताफ बुखारी ने पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में महबूबा मुफ्ती का चयन करने का एक पत्र राज्यपाल एन.एन.वोहरा को सौंपा, जिसके बाद वह भाजपा-पीडीपी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल पाएंगी।पीडीपी के सूत्रों ने आईएएनएस से कहा कि पत्र में राज्यपाल से अनुरोध किया गया है कि गुरुवार शाम सईद के सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई जाए।यदि वह जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री पद को ग्रहण करती हैं, तो उन्हें 87 सदस्यीय सदन में बहुमत साबित करना होगा।
उन्हें छह महीनों के अंदर किसी विधानसभा से चुनाव जीतकर आना होगा या विधान परिषद का सदस्य होना पड़ेगा।
वर्तमान में वह अनंतनाग लोकसभा सीट से सांसद हैं।वह देश के मुस्लिम बहुसंख्यक आबादी वाले राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी।सईद का गुरुवार सुबह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह पिछले 14 दिनों से यहां भर्ती थे। राजकीय शोक के बीच उनका पार्थिव शरीर श्रीनगर ले जाया गया।देश के पहले मुस्लिम केंद्रीय गृहमंत्री रह चुके सईद पिछले करीब दो सप्ताह से एम्स में भर्ती थे। उन्होंने यहां सुबह 9.10 बजे अंतिम सांस ली। तीन दिन पहले हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।अस्पताल के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि मधुमेह से गंभीर रूप से पीड़ित सईद का अस्थि मज्जा (बोन मैरो) के ठीक ढंग से कार्य न करने के कारण निधन हो गया। उन्हें 24 दिसंबर को बुखार के साथ-साथ सीने में दर्द होने पर एम्स में भर्ती किया गया था।
पीडीपी के नेता सईद पहली बार साल 2002-05 तक के लिए कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे। दूसरी बार वे बीते साल मार्च में भाजपा गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद विधानसभा त्रिशंकु हो गई थी।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर व भारत के लोगों की सेवा के लिए सईद का योगदान याद किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "सईद के अनुकरणीय नेतृत्व का प्रभाव लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण रूप से पड़ा।" उन्हें स्टेट्समैन करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मुफ्ती साहब ने जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का काम किया।"कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "मानवता व सार्वजनिक जीवन में मुफ्ती जी का योगदान सदा स्मरण किया जाएगा।"कार्यकाल के दौरान दिवंगत होने वालों में सईद तीसरे मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले जी.एम.सादिक की 1971 में और शेख अब्दुल्ला का 1982 में निधन हो गया था।