जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद का गुरुवार सुबह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह पिछले 14 दिनों से यहां भर्ती थे। राजकीय शोक के बीच उनका पार्थिव शरीर श्रीनगर ले जाया गया, जहां उन्हें दफनाया जाएगा। देश के पहले मुस्लिम केंद्रीय गृह मंत्री रह चुके सईद पिछले करीब दो सप्ताह से एम्स में भर्ती थे। उन्होंने यहां सुबह 9.10 बजे अंतिम सांस ली। तीन दिन पहले हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि मधुमेह से गंभीर रूप से पीड़ित सईद का अस्थि मज्जा (बोन मैरो) के ठीक ढंग से कार्य न करने के कारण निधन हो गया। उन्हें 24 दिसंबर को बुखार के साथ-साथ छाती में संक्रमण के साथ भर्ती किया गया था।
पीडीपी के नेता सईद पहली बार साल 2002-05 तक के लिए कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने थे। दूसरी बार वे बीते साल मार्च में भाजपा गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री बने, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद विधानसभा त्रिशंकु हो गई थी।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर व भारत के लोगों की सेवा के लिए सईद का योगदान याद किया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "सईद के अनुकरणीय नेतृत्व का प्रभाव लोगों के जीवन पर महत्वपूर्ण रूप से पड़ा।" उन्हें स्टेट्समैन करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मुफ्ती साहब ने जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का काम किया।"
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "मानवता व सार्वजनिक जीवन में मुफ्ती जी का योगदान सदा स्मरण किया जाएगा।"कार्यकाल के दौरान दिवंगत होने वालों में सईद तीसरे मुख्यमंत्री हैं। जी.एम.सादिक की 1971 में जबकि शेख अब्दुल्ला का 1982 में निधन हो गया था।सईद का पार्थिव शरीर गुरुवार दोपहर यहां पहुंच गया। श्रीनगर हवाईअड्डे पर जिस वक्त उनका पार्थिव शरीर पहुंचा, उस वक्त केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद तथा उमर अब्दुल्ला अपने परिवार व संबंधियों के साथ मौजूद थे।नई दिल्ली से कई नेता सुबह की उड़ान से ही जम्मू एवं कश्मीर के लिए रवाना हो गए थे। सईद का पार्थिव शरीर दिल्ली से भारतीय वायु सेना के एक विमान से श्रीनगर पहुंचा।
मुख्यमंत्री के निधन पर जम्मू एवं कश्मीर में गुरुवार को एक दिन की छुट्टी व एक सप्ताह के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।सईद के कैबिनेट सहयोगी, वरिष्ठ नागरिक व पुलिस अधिकारी हवाईअड्डे पर मौजूद थे, जहां दिवंगत मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।पीडीपी के एक नेता ने आईएएनएस से कहा, "शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में नमाज-ए-जनाजा अदा किया जाएगा, जिसके बाद मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके आधिकारिक निवास पर ले जाया जाएगा।"उसके बाद मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए उनके पैतृक कब्रगाह बिजबेहरा ले जाया जाएगा। एम्स में गुरुवार सुबह सईद के निधन के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया।
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर श्रीनगर से बिजबेहरा के बीच 45 किलोमीटर की सड़क पर सुरक्षाबलों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है।बिजबेहरा में 12 जनवरी, 1936 को जन्मे सईद ने श्रीनगर में शिक्षा ग्रहण की और 1959 में राजनीति में शामिल होने से पहले उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण की।शेख अब्दुला को अपना आदर्श मानने वाले सईद सन् 1972 में जम्मू एवं कश्मीर में कैबिनेट मंत्री बने। इसके तीन साल बाद व राज्य कांग्रेस के प्रमुख बने। सईद वी.पी.सिंह की सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री बने। इसके कुछ दिनों बाद ही उनकी तीसरी बेटी रूबैया सईद का आतंकवादियों द्वारा अपहरण किए जाने के बाद वी.पी.सिंह सरकार को जम्मू एवं कश्मीर में पांच आतंकवादियों को जेल से छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।साल 1999 में सईद व उनकी बेटी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का गठन किया।महबूबा मुफ्ती के पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने की संभावना है।