इस अवसर पर प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अनगरिका धर्मापाला पर स्मारक डाक टिकट जारी होने से भारत और श्रीलंका के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने में योगदान मिलेगा तथा दोनों देशों को और निकट आने का मौका मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देशों के बीच संबंध दोनों देशों की जनता के परस्पर लाभ के लिए आने वर्षों में भी मजबूत होते रहेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि बौद्ध धर्म के धर्मदूतों में से एक पर यह डाक टिकट जारी होने से शांति, स्थिरता और मैत्रीपूर्ण संबंधों का युग सुनिश्चित करने तथा जनता के तीव्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए अथक एवं मिलकर काम करने की याद दिलाता है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अनगरिका धर्मापाला को श्रद्धासुमन अर्पित किए और डाक विभाग को स्मारक डाक टिकट लाने के लिए धन्यवाद दिया।