Saturday, 04 May 2024

 

 

खास खबरें मनजीत सिंह ठाकुर समर्थकों सहित कांग्रेस में शामिल हार सामने देखकर चुनाव लड़ने से पीछे हटे जयराम : सुखविंदर सिंह सूक्खू अमृतसर लोकसभा में आम आदमी पार्टी हुई मजबूत, अकाली दल को लगा झटका! पटियाला में भगवंत मान ने किया रोड शो, डॉ. बलबीर के लिए किया प्रचार, बोले - पंजाब बनेगा हीरो, इस बार 13-0 गुरजीत औजला के हक में हरप्रताप अजनाला ने भरी हुंकार पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल ने ग्रेटर मोहाली को विकसित करने और अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे, संस्थानों और आई.टी क्षेत्र को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: सरदार सुखबीर सिंह बादल अगले पांच साल देश के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे : जयराम ठाकुर भाजपा फिर सत्ता में आई तो खत्म कर देगी आरक्षण : बाजवा शहरवासियों ने गर्मजोशी के साथ अमरेंद्र सिंह राजा वड़िंग का स्वागत किया चुनाव का पर्व-देश का गर्व, हरियाणा में 25 मई को होगा मतदान- मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल करसोग में भाजपा को बड़ा झटका, टिकट के दावेदार रहे युवराज कांग्रेस में शामिल जिस फ़िल्म का डायरेक्टर फ्लॉप, हीरोइन कितनी भी सुपरस्टार हो उस फ़िल्म का फ्लॉप होना तय : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खू राजनीतिक दलों की उपस्थिति में हुई ई.वी.एम. व वी.वी.पैट्ज की हुई पहली रैंडेमाइजेशन सीजीसी लांडरां द्वारा चौथी इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन कम्प्यूटेशनल मेथड इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी का आयोजन किया गया भगवंत मान ने फगवाड़ा में डॉ. चब्बेवाल के लिए किया चुनाव प्रचार, रोड शो कर आप उम्मीदवार को भारी मतों से जिताने की अपील की कांग्रेस की जीत के बाद सबसे पहला काम अग्निवीर जैसी स्कीम का खात्मा श्री फतेहगढ़ साहिब में भगवंत मान ने कहा - गुरप्रीत जीपी की जीत पक्की, सिर्फ ऐलान होना बाकी लुधियाना लोकसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी हुई और भी मजबूत मानसिक दबाव में बेतुकी बयानबाजी कर रही कांग्रेस : राजीव बिंदल जनता के फैसले जनता के बीच बैठकर जनता की मौजूदगी में होते थे: मीत हेयर जय राम ठाकुर ने विधानसभा में दी भगवान को चुनौती : सीएम सुखविन्द्र सिंह सुक्खू

 

रणजीत चौटाला का विधायक पद से इस्तीफा स्वीकार होने पश्चात उनके मंत्री बने‌‌ रहने पर सवाल बरकरार

पूर्व विधायक के तौर पर विधानसभा सचिवालय से पेंशन प्राप्त करने योग्य हालांकि मंत्री के तौर पर राज्य सरकार से वेतन- भत्ते भी प्राप्त करने के हकदार -- एडवोकेट

Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

चंडीगढ़ , 22 Apr 2024

पूरे एक माह का लंबा अंतराल बीते जाने के बाद  सिरसा ज़िले की रानिया विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला, जो गत माह 24 मार्च  की शाम  भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके साथ ही  पार्टी द्वारा उन्हें हिसार लोकसभा सीट से  उम्मीदवार  भी घोषित कर दिया गया था, का विधायक पद से त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष   (स्पीकर) ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा मंगलवार 23 अप्रैल को‌ स्वीकार किया जाएगा जिस दिन रणजीत उनके समक्ष व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर स्वयं द्वारा गत माह एक मैसेंजर के हाथों  स्पीकर को‌ भेजे गए‌ तथाकथित त्यागपत्र का‌ सत्यापन करेंगे. 

इस्तीफा स्वीकार होने के बाद एवं त्यागपत्र स्वीकार होने‌ की तारीख से ही रणजीत पूर्व विधायक बन जाएंगे. गत  माह 12 मार्च को नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में गठित नई भाजपा  सरकार में  रणजीत को   कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया‌ था एवं 22 मार्च को उन्हें ऊर्जा (बिजली) विभाग और जेल विभाग आबंटित किये गए. रणजीत चौटाला  ने  विधायक पद  के साथ  हालांकि कैबिनेट  मंत्रीपद से इस्तीफ़ा नहीं दिया है. 

इसी बीच‌ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि बेशक विधानसभा स्पीकर   द्वारा रणजीत चौटाला का विधानसभा सदस्यता से  त्यागपत्र स्वीकार करने में एक महीने का लंबा समय लिया गया है  परन्तु अगर उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत सदन की  अयोग्यता से बचाना है, तो स्पीकर को  रणजीत का विधायक पद त्यागपत्र गत  24  मार्च की पिछली तिथि से ही स्वीकार करना होगा अर्थात  वह उसी पिछली तारीख से ही प्रभावी होना चाहिए. 

हेमंत ने बताया कि इस सबके बीच एक रोचक परंतु महत्वपूर्ण विषय यह उठता है कि गत माह‌ 24 मार्च से विधायक के तौर पर त्यागपत्र स्वीकार होने के फलस्वरूप  रणजीत पूर्व विधायक बन जाएंगे एवं इस कारण वह हरियाणा विधानसभा सदस्य (वेतन, भत्ते एवं पेंशन) कानून, 1975 के अंतर्गत‌ विधानसभा सचिवालय से पेंशन‌ प्राप्त करने के योग्य‌ हो जाएंगे. चूंकि रणजीत वर्ष 1987-90 तक भी हरियाणा की तत्कालीन विधानसभा‌ के सदस्य रहे हैं एवं इस प्रकार उनकी दो कार्यकालों‌ की पेंशन‌ बनती है.

वहीं क्योंकि  रणजीत 6 सप्ताह  पुरानी  नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं, इसलिए हरियाणा मंत्रीगण वेतन एवं भत्ते कानून, 1970 के प्रावधानों के अंतर्गत‌ वह प्रदेश सरकार सरकार  से गैर-विधायक होते‌ हुए‌ भी मंत्री के तौर पर  वेतन और अन्य भत्ते (निर्वाचन क्षेत्र भत्ते और टेलीफोन भत्ते  को छोड़कर ) प्राप्त करने के हकदार‌ हैं जैसे वर्तमान में मुख्यमंत्री नायब सैनी को प्राप्त हो रहे हैं.

हेमंत ने बताया कि हरियाणा विधानसभा वेतन- पेंशन कानून,1974 अनुसार  पूर्व विधायक तभी पेंशन प्राप्त करने का हकदार नहीं‌ होगा अगर वह भारत का राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति या किसी प्रदेश का राज्यपाल   या प्रशासक बन जाए अथवा संसद के किसी सदन का  या पुनः विधानसभा का सदस्य निर्वाचित हो‌‌‌ जाए‌. इसके अतिरिक्त केंद्र या प्रदेश सरकार के अधीन नौकरी कर वेतन प्राप्त करने वाले पूर्व‌ विधायक की भी पेंशन‌ बंद हो जाती है. अब चूंकि प्रदेश सरकार में  मंत्रीपद को प्रदेश सरकार के अधीन नौकरी नहीं कहा जा सकता, इसलिए पूर्व विधायक की पेंशन प्राप्त करने के लिए एक गैर- विधायक मंत्री भी योग्य बनता है.

बहरहाल  क्या निर्दलीय विधायक पद से त्यागपत्र   स्वीकार होने के बाद  रणजीत  मौजूदा नायब सैनी सरकार में‌ बेरोकटोक कैबिनेट मंत्री  बने रह सकते हैं या फिर उस पद से भी उन्हें त्यागपत्र देना पड़ेगा, हेमंत ने बताया कि चूँकि बीती 12 मार्च को मंत्रीपद की शपथ लेते समय रणजीत विधायक थे, इसलिए उस आधार पर  तो उनका  मंत्रिमंडल से भी त्यागपत्र देना बनता है जो मुख्यमंत्री के मार्फत प्रदेश के राज्यपाल को सौंपा जा सकता है. 

हालांकि हेमंत ने यह भी बताया कि विधायक न होते हुए भी कोई व्यक्तिप्रदेश का मुख्यमंत्री या मंत्री नियुक्त हो  सकता है बशर्ते उस नियुक्ति के 6 महीने के भीतर वह व्यक्ति विधानसभा का सदस्य अर्थात विधायक  बन जाए जैसे वर्तमान मुख्यमंत्री नायब सैनी भी मौजूदा विधानसभा के सदस्य नहीं है हालांकि वह आगामी 25 मई को‌ निर्धारित करनाल विधानसभा सीट उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हैं.  बहरहाल, क्या रणजीत पर भी  यह लागू  होगा अथवा नहीं, यह देखने लायक होगा. 

हेमंत का कहना है कि मौजूदा विधानसभा का सदस्य न होना‌ अर्थात गैर-विधायक होना और वर्तमान विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर पूर्व विधायक होना दोनों में अंतर होता है. मुख्यमंत्री नायब‌ सैनी 14 वीं‌ हरियाणा विधानसभा के आज तक सदस्य ही नहीं है जबकि रणजीत सिंह मौजूदा विधानसभा की सदस्यता‌ से इस्तीफा देकर पूर्व विधायक बने हैं. आज तक पहले ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जब प्रदेश का मंत्री‌ विधायक पद से त्यागपत्र देकर मंत्री बना रहा हो हालांकि मंत्रिपद छोड़कर विधायक बना रहना‌ सामान्य बात है.

गैर-विधायक रहते हुए रणजीत चौटाला के  अधिकतम  6 महीने तक तक मंत्री बने रहने की अवधि  उनके विधायक पद से दिए गये त्यागपत्र के स्वीकार होने की तारिख से ही  आरम्भ होगी‌. हालांकि इसके लिए उन्हें पुनः कैबिनेट मंत्री के तौर राज्यपाल द्वारा  शपथ दिलाए‌ जाने की भी  बात उठती है क्योंकि‌‌  गैर-विधायक के तौर पर अधिकतम  6 माह मंत्री  कार्यकाल उनका  ताजा  बनता है.

 

Tags: Hemant Kumar , Advocate Hemant Kumar , Punjab & Haryana High Court Chandigarh , Chandigarh

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD