ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ने शिक्षक भवन, गांधी नगर में पंचायत विकास सूचकांक पर एक दिवसीय यूटी स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य संबंधित विभागों, क्षेत्रीय पदाधिकारियों और अन्य संबंधित हितधारकों के फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण को बढ़ाना था। इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज की आयुक्त सचिव मंदीप कौर मुख्य अतिथि थीं।
सचिव आरडीडी तारिक अहमद जरगर, निदेशक पंचायती राज मोहम्मद मुमताज अली, निदेशक आरडीडी कश्मीर, शब्बीर हुसैन भट्ट, निदेशक ग्रामीण स्वच्छता, चरणदीप सिंह, सीईओ आईडब्ल्यूएमपी, भारत भूषण, अतिरिक्त सचिव आरडीडी, वसीम राजा, संजय भट्ट के अलावा एडीडीसी, एसीडी कार्यशाला के दौरान एसीपी, आरडीडी और लाइन विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के सलाहकार डॉ. तौकीर खान ने 2024-25 के लिए पंचायत विकास योजना की तैयारी और पीपीपी मोड के माध्यम से पीडीआई की अन्य अवधारणाओं के बारे में जानकारी दी।उप निदेशक, एनआईसी एमओपीआर, बिजेंद्र कुमार सुमन ने पीडीआई पोर्टल के प्रदर्शन पर एक अवलोकन प्रस्तुत किया।एमओपीआर और तकनीकी टीम ने पीडीआई पोर्टल और ईजीएस पोर्टल की हैंडहोलिं्डग पर एक समूह अभ्यास भी किया, इसके अलावा प्रतिभागियों/हितधारकों के संदेह को दूर करने के लिए एक प्रश्न उत्तर सत्र भी आयोजित किया गया।
आयुक्त सचिव ने अपने संबोधन में पीडीआई के माध्यम से साक्ष्य आधारित योजना में लाइन विभागों की भूमिका के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीजी प्राप्त करने में पीडीआई के महत्व पर मुख्य भाषण दिया।उन्होंने कहा कि पीडीआई में 9 क्षेत्रों में फैले 577 संकेतकों का डेटा शामिल है, जिसे प्रत्येक पंचायत को मासिक आधार पर भरना होता है। जम्मू-कश्मीर में 4291 पंचायतें हैं, इसलिए, यह एक बड़ा और कठोर अभ्यास है और इसे उचित जांच और क्रॉस चेक के बाद मासिक आधार पर किया जाना चाहिए।
मनदीप कौर ने कहा कि तकनीकी सत्र स्थायी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पंचायतों की भविष्य की योजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।आयुक्त सचिव ने कहा कि एमओपीआर ऐसी कार्यशालाएं आयोजित करने और यूटी और राज्य स्तर के पदाधिकारियों से फीडबैक रिपोर्ट मांगने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूरे पीडीआई कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने पर जोर दिया।
तारिक जरगर ने कार्यशाला के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी और गणमान्य व्यक्तियों/प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।योजना, विकास एवं निगरानी विभाग के संयुक्त निदेशक सुनील पंडित ने आकांक्षी पंचायत विकास कार्यक्रम का परिचय दिया।