अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि उत्पादन विभाग अटल डुल्लू ने आज नागरिक सचिवालय जम्मू में अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक बैठक आयोजित कर चिन्हित फसलों/उत्पादों की जीआई टैगिंग की समीक्षा की। जम्मू और कश्मीर के कृषि उत्पादों की भौगोलिक पहचान (जीआई) टैगिंग आदि के आवेदन पर संबंधित द्वारा की गई प्रगति पर चर्चा हुई।
बैठक में निदेशक कृषि जम्मू के.के. शर्मा, निदेशक भेड़पालन जम्मू कृष्ण लाल, निदेशक बागवानी जम्मू राम सेवक, निदेशक अनुसंधान (स्कास्ट) जम्मू आर.के. समनोत्रा, एसोसिएट डायरेक्टर स्कास्ट महिताल जम्वाल और अन्य अधिकारियों ने भाग लिया, इसके अलावा, श्रीनगर के अधिकारियों और स्कास्ट-के के तकनीकी विशेषज्ञों ने वर्चुअल मोड के माध्यम से बैठक में षामिल हुए।
बैठक के दौरान, संबंधित अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने एक प्रस्तुति दी और पहचान की गई फसलों के जीआई प्रमाणीकरण के आवेदन पर की गई प्रगति पर प्रकाश डाला। पहचान की गई फसलों के जीआई अनुप्रयोग के विभिन्न अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई।
जीआई विशेषज्ञ डॉ. रजनीकांत भी वर्चुअल रूप से बैठक में शामिल हुए और उन्होंने जीआई पंजीकरण प्रमाणन के दौरान विशेष उत्पादों की आवश्यकता के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी। विस्तृत चर्चा के बाद, 15 फसलों/वस्तुओं की पहचान की गई और एक महीने की अवधि के भीतर सलाहकार को अग्रेषित करने का निर्णय लिया गया।
जीआई टैगिंग के लिए बैठक में 5 नए उत्पादों की भी पहचान की गई जिनमें ठंडी खुई की बर्फी, लखनपुर का बढ्ढ़ा, कुद्ध का पतीसा, पुंछ की मूंगफली और जम्मू का क्यूर शामिल है और इन उत्पादों को भी जल्द ही जीआई टैगिंग के लिए भेजा जाएगा।
एसीएस ने तकनीकी विशेषज्ञों से ऐतिहासिक प्रमाण एकत्र करने पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया ताकि इन फसलों के जीआई प्रमाणीकरण हेतु प्रत्येक मामले को पुख्ता बनाया जा सके। उन्होंने उनसे अधिक प्रयास करने और इन उत्पादों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ ज्ञान रखने का आह्वान किया।